पासा का प्रयोग कर किया ¨हदी शब्दों का निर्माण
राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय क्योड़क में पासा का प्रयोग कर छात्राओं ने ¨हदी विषय के शब्दों का निर्माण किया है। ¨हदी प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार चावला ने नवाचार तकनीक का प्रयोग करते हुए बच्चों की शब्दावली विकास के लिए पासा तैयार किया है। पासा में ¨हदी भाषा के वर्ण और अक्षर रखे गए हैं। इन वर्ण और अक्षरों का प्रयोग करते हुए बच्चों में शब्दावली का विकास किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, कैथल : राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय क्योड़क में पासा का प्रयोग कर छात्राओं ने ¨हदी विषय के शब्दों का निर्माण किया है। ¨हदी प्राध्यापक डॉ. विजय कुमार चावला ने नवाचार तकनीक का प्रयोग करते हुए बच्चों की शब्दावली विकास के लिए पासा तैयार किया है। पासा में ¨हदी भाषा के वर्ण और अक्षर रखे गए हैं। इन वर्ण और अक्षरों का प्रयोग करते हुए बच्चों में शब्दावली का विकास किया जा सकता है।
डॉ. चावला ने बताया कि आमतौर पर पासा का प्रयोग सांप सीढ़ी और लूडो खेलने में किया जाता है, लेकिन उसी पासा का प्रयोग उन्होंने ¨हदी विषय के शिक्षण के लिए किया है। पासा में छह हिस्से होते हैं। इन्हीं हिस्सों में वर्ण और अक्षर रखे हुए है। बृहस्पतिवार को उन्होंने बच्चों से शब्दावली विकास की गतिविधि कराई, जिसमें विद्यालय की छात्राओं ने भाग लिया ।
छात्राओं को पासा के एक सिरे से वर्ण और अक्षर का प्रयोग करते हुए शब्द निर्माण के लिए कहा गया। विद्यालय की छात्रा प्रिया ने पांच मिनट में 56 शब्द, स्वाति ने 46 तथा सिमरन ने 44 शब्द बनाए। इसके अतिरिक्त बाकी छात्राओं ललिता, आंचल, भारती, कोमल ने भी शब्द निर्माण में अच्छा प्रदर्शन किया। चावला ने कहा कि आज हम शिक्षा में बदलाव लाना चाहते हैं तो शिक्षकों को कक्षा में बच्चों को सृजनात्मक सोच पैदा करने के लिए तैयार करना होगा। यदि बच्चों की शब्दावली अच्छी हो जाएगी तो भविष्य में अपने अनुभव व पूर्व ज्ञान का प्रयोग करते हुए वे अपने विचारों को साकार रूप प्रदान कर पाएंगे।