स्कूलों तक निजी वाहनों में जाएंगी छात्राएं शिक्षा विभाग करेगा भुगतान
छात्राओं को संस्थानों में पढ़ने के लिए दूर जाते समय अब सड़कों पर लिफ्ट मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समूह बनाकर छात्राएं अपने लिए प्राइवेट वाहन हायर कर सकेंगी। इसका खर्च किलोमीटर के हिसाब से शिक्षा विभाग अदा करेगा। जिले में ऐसी छात्राओं की संख्या ढाई हजार से ज्यादा है जो रोजाना पढ़ने के लिए छह से 16 किलोमीटर तक का सफर तय करती हैं। वाहन के लिए दिए जाने वाली राशि सीधा छात्राओं के बैंक खातों में डाली जाएगी।
विक्रम पूनिया, कैथल : छात्राओं को संस्थानों में पढ़ने के लिए दूर जाते समय अब सड़कों पर लिफ्ट मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समूह बनाकर छात्राएं अपने लिए प्राइवेट वाहन हायर कर सकेंगी। इसका खर्च किलोमीटर के हिसाब से शिक्षा विभाग अदा करेगा।
जिले में ऐसी छात्राओं की संख्या ढाई हजार से ज्यादा है जो रोजाना पढ़ने के लिए छह से 16 किलोमीटर तक का सफर तय करती हैं। वाहन के लिए दिए जाने वाली राशि सीधा छात्राओं के बैंक खातों में डाली जाएगी। शिक्षा विभाग ने सितंबर महीने में ही जिला शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों व स्कूल इंचार्ज को पत्र जारी कर इसे लागू करने के आदेश दे दिए हैं।
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इसलिए पड़ी योजना की जरूरत
छात्राओं के लिए लिफ्ट मांगकर स्कूल तक पहुंचना या घंटों वाहनों का इंतजार करना पढ़ाई में बाधा होने के साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी ठीक नहीं था। छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना के तहत अब छात्राओं को प्राइवेट वाहन के लिए भुगतान किया जाएगा। इससे छात्राएं समय पर स्कूल और घर पहुंचने के साथ ही सुरक्षित भी रहेंगी। छात्राओं के लिए वाहनों का इंतजाम स्कूल इंचार्ज, एसएमसी कमेटी व अभिभावक मिलकर कर सकेंगे।
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इन छात्राओं को मिलेगा लाभ
जो अनुसूचित जाति की छात्राएं पहले योजना के साथ साइकिल ले चुकी हैं या लेने जा रही हैं, वह इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगी। एक छात्रा एक योजना का ही लाभ ले सकती है। ऐसे में सामान्य जातियों से संबंध रखने वाली गरीब छात्राएं पहले योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाती थी। अब सामान्य जातियों की इन छात्राओं को भी योजना के तहत कवर किया जाएगा।
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इस दर से किया जाएगा भुगतान
- जो छात्राएं रोजाना छह किलोमीटर तीन आने और तीन जाने के लिए सफर करती हैं, उनको चार रुपये प्रति किलोमीटर की दर से रोजाना 24 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा। अधिकतर एक महीने में 25 कार्य दिवस का भुगतान किया जा सकता है। इसी तरह 08, 10, 12, 14 व 16 किलोमीटर की दूरी तय करने पर भी चार रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा अगर चार छात्राएं हैं और वाहन चालक को घाटा हो रहा है तो विभाग एक अतिरिक्त छात्रा की राशि का भुगतान भी निजी वाहन चालक को करेगा, ताकि छात्राओं की पढ़ाई बाधित ना हो।
बॉक्स: हजारों छात्राओं को
मिलेगा योजना का लाभ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शमशेर ¨सह सिरोही ने कहा कि इस योजना से हजारों छात्राओं को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। अभिभावक अब 12वीं कक्षा तक अपनी बच्चियों के ¨चता मुक्त होकर पढ़ा सकेंगे। इससे अभिभावकों की जेब खर्च में कमी आएगी और छात्राओं की साक्षरता दर बढ़ेगी।