नई सरकार से स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने की उम्मीद
जिला स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सकों के पांच साल से भी ज्यादा समय से पद रिक्त पड़े हुए हैं। इन पदों पर नियुक्ति नहीं होने से सरकार की तरफ से जनहित को लेकर चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
जिला स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सकों के पांच साल से भी ज्यादा समय से पद रिक्त पड़े हुए हैं। इन पदों पर नियुक्ति नहीं होने से सरकार की तरफ से जनहित को लेकर चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। विभाग में 7 डिप्टी सिविल सर्जन, 5 एसएमओ व 30 पद एमओ के रिक्त पड़े हुए हैं। इन रिक्त पदों को भरने के लिए लोगों ने कई बार आवाज उठाई, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।
अब लोगों को नई भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार से उम्मीद है कि रिक्त पदों को भरा जाएगा। चिकित्सकों की कमी के साथ-साथ स्टाफ व संसाधनों का भी टोटा भी बना हुआ है। अल्ट्रासाउंड की सुविधा करीब सात सालों से अस्पताल में नहीं मिल रही है। इस कारण लोगों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
जल्द भरे जाएं रिक्त पद
जीवन रक्षक दल संस्था के प्रधान राजू डोहर ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करते हुए न केवल चिकित्सक व स्टाफ के रिक्त पद भरे जाएं, बल्कि अस्पतालों में संसाधनों की कमी को भी जल्द पूरा किया जाए, ताकि इलाज के लिए आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
एक डिप्टी सिविल सर्जन के भरोसे पूरा जिला
जिलेभर में डिप्टी सिविल सर्जन के आठ पद हैं, लेकिन मात्र एक पद पर ही चिकित्सा अधिकारी नियुक्त हैं, अन्य पद खाली होने के कारण एक अधिकारी पर कामकाज को बोझ ज्यादा है। कई-कई विभागों का कार्यभार देखना पड़ रहा है। गुहला-चीका, राजौंद, कौल, पूंडरी व कलायत में चल रहे विभाग के अस्पताल बिना डिप्टी सिविल सर्जन के चल रहे हैं। सीवन अस्पताल को छोड़कर अन्य अस्पतालों में एसएचओ का पद भी लंबे समय से रिक्त पड़ा हुआ है। इसी प्रकार जिला नागरिक अस्पताल में प्रिसिपल मेडिकल ऑफिसर का पद भी रिक्त हैं, सिविल सर्जन ही इस कार्य को देख रहे हैं।
जिला नागरिक अस्पताल में एमओ
के स्वीकृत पद 55, रिक्त 30
इन दिनों मौसम में बदलाव के बाद अस्पताल में ओपीडी बढ़ रही है, लेकिन चिकित्सकों के रिक्त पदों के कारण मरीजों को बीमारियों की जांच व इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। यहां एमओ के पद 55 हैं, लेकिन इनमें से 30 पद रिक्त पड़े हुए हैं। रिक्त पद होने के कारण चिकित्सकों पर काम का बोझ ज्यादा है। वहीं इमरजेंसी सेवाओं को चलाने के लिए भी चिकित्सकों का टोटा बना हुआ है। बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सक ही इमरजेंसी व पोस्टमार्टम ड्यूटी करने को मजबूर हो रहे हैं।
पीएचसी में चिकित्सकों के रिक्त पद
स्थान पद रिक्त कार्यरत
बाता 2 - 1 - 1
देवबन 2 - 1 - 1
कौल 6 - 5 - 1
टीक 2 - 1 - 1
ढांड 2 - 1 - 1
पाई 2 - 2 - 0
हाबड़ी 2 2 - 0
किठाना 2 - 2 0
करोड़ा 2 - 2 - 0
जाखौली 2 - 2 - 0
खरकां 2 2 - 0
कांगथली 2 - 1 - 1
अगौंध 2 - 1 - 1
भागल 2 - 1 - 1
हरनौली 2 - 1 - 1
अधिकारियों को दी रिक्त पदों की जानकारी
स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पड़े पदों को लेकर जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है। इस समय जितना भी चिकित्सक हैं उन्हीं से काम लेते हुए हर दिन बेहतर करने का प्रयास रहता है। उम्मीद है कि रिक्त पड़े पदों पर जल्द ही नियुक्ति होगी।
-डॉ. सुरेंद्र नैन, सिविल सर्जन, कैथल। --------------