मेरी तरफ से दोस्ती पक्की : जेपी, सुरजेवाला बोले, पेश करेंगे मिसाल
आपको वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद मतगणना के दिन का एक वाकया याद करवाते हैं। आरकेएसडी कॉलेज में गिनती के बाद कैथल और कलायत हलकों के चुनावी परिणाम आ चुके थे।
जागरण संवाददाता, कैथल : आपको वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद मतगणना के दिन का एक वाकया याद करवाते हैं। आरकेएसडी कॉलेज में गिनती के बाद कैथल और कलायत हलकों के चुनावी परिणाम आ चुके थे। कैथल से रणदीप ¨सह सुरजेवाला तो कलायत से जयप्रकाश ने चुनाव जीत लिया था। समर्थक जश्न मना रहे थे। छोटू राम चौक तक आकर दोनों नेताओं के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। दुश्मनी पुरानी थी। जीत का गुलाल उड़ाने वाले हाथों में कब पत्थर आ गए पता ही नहीं चला। समर्थक एक-दूसरे के खून के प्यासे से हो चले थे। जमकर टकराव हुआ। यह एक बानगी भर था, उसकी जो
करीब दो दशक से इनमें चलता आ रहा था। शनिवार को इस दुश्मनी की कड़वाहट में बेसन की बर्फी की मिठास घुल गई। रणदीप ¨सह सुरजेवाला और जयप्रकाश ने गले लगाकर सार्वजनिक तौर पर 'हाथ' मिला लिए।
जिला बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में दोनों ने दोस्ती की शुरुआत की घोषणा की। जयप्रकाश बोले, मेरी तरफ से दोस्ती पक्की है। मेरी उम्र पता नहीं 15 साल बची है या 20 साल। जब तक हूं दोस्ती रहेगी। लोग भी इब सोचते होंगे चलो एक लड़ाई तो मुकी। इसके जवाब में मंच से बोल रहे रणदीप ¨सह सुरजेवाला ने भी सकारात्मक शब्द कहे। बोले, अब जिले, इलाके और प्रदेश के लिए एकजुट होकर विकास करना है। इस मौके पर पूर्व मंत्री सुल्तान ¨सह जडौला, सुदीप सुरजेवाला, उपप्रधान जसबीर मोगा, सह सचिव रमेश कसान, कोषाध्यक्ष दीपांशु नरूला, सुरजीत ¨सह, सतबीर भाणा, कविराज शर्मा, सुरेंद्र रांझा, रणधीर ¨सह राणा, पीएल भारद्वाज, जितेंद्र कादियान, दिनेश ढुल एडवोकेट, एडवोकेट सतपाल शर्मा, शशी शर्मा, शीशपाल मलिक मौजूद रहे। बॉक्स
टकराव अब छोड़ दिया
सुरजेवाला ने कहा कि जो भी राजनीतिक विचारधारा का टकराव रहा, उसे अब छोड़कर जिले, इलाके और प्रांत के लिए काम करने को प्रतिबद्ध हुए हैं। जेपी की कांग्रेस वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जयप्रकाश किसी दूसरे दल में गए ही नहीं। वे आज भी आजाद एमएलए हैं और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को समर्थन दिया ही नहीं। लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर सुरजेवाला ने कहा कि उन्हें लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना है। कैथल के लोगों ने उनका तब भारी मतों से साथ दिया, जब बुरा वक्त था। उनका व्यक्तिगत निर्णय यही है। राष्ट्रीय पार्टियों में सारे निर्णय हाईकमान तय करता है और 2019 में अभी समय है। बॉक्स
आगे आजाद नहीं लड़ना : जेपी
विधायक जयप्रकाश ने कहा कि इस बार वे आजाद हैं, लेकिन आगे आजाद लड़ने की मंशा नहीं है। परिस्थितियां पता नहीं क्या कर दें। जैसा रणदीप ¨सह ने कहा कि इलाके के विकास के लिए, युवाओं और किसानों के लिए मिलकर काम करेंगे। मैं जब कांग्रेस में आऊंगा तो दिल्ली में सबको बुलाऊंगा। आजाद उम्मीदवार जब किसी पार्टी में शामिल होता है तो उसके राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करता है। यह मामला हमारा आपस का था। हमने खत्म कर दिया। वे चुटकी लेते हुए बोले- थामनै सारा बेरा है, क्यूं स्वाद ले रे हो। बॉक्स
समर्थकों की भीड़ पर वकील बिफरे
बार रूम में आयोजित अभिनंदन समारोह में दोनों नेताओं के समर्थक बड़ी में संख्या में पहुंच गए। वकीलों को बैठने तक की जगह नहीं मिली और उन्हें जब असुविधा हुई तो वे बिफर गए। अपनी सीटों से खड़े होकर वे बाहर जाने लगे। वकीलों ने कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। यह वकीलों का कार्यक्रम है। या तो इन्हें बाहर निकालो नहीं तो वे बाहर जा रहे हैं। इस पर कार्यकर्ताओं को बाहर जाना पड़ा, लेकिन कुछ देर बाद वे फिर अंदर आ गए। रणदीप ¨सह सुरजेवाला ने अपने भाषण में इसका जिक्र करते हुए कहा कि यह आपके क्लाइंट हैं या हो सकते हैं। इनकी भी जरूरत रहेगी।
रणदीप को दी मानद सदस्यता
इस दौरान जिला बार एसोसिएशन ने रणदीप ¨सह को मानद सदस्यता प्रदान की। उन्होंने कहा कि वे इस बार के सम्मान को ऊंचा रखेंगे। बोले, मैं वकील हूं और जब भी सॉलिस्टर से केस आते हैं तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में वकालत करता हूं। जयप्रकाश भाई को अगर कभी जरूरत पड़ी तो उनका केस भी मैं ही लड़ूंगा।
दो मांगें रखीं
एसोसिएशन की तरफ से कोर्ट कांप्लेक्स की दूसरी मंजिल पर शैड डलवाने और बार रूम के पीछे खाली पड़ी जगह को पक्का करके पार्किंग बनवाने के लिए विधायक रणदीप सुरजेवाला से मांग की। सुरजेवाला ने इन दोनों मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। मेल के राजनीतिक मायने
दोनों नेताओं की अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जबरदस्त पकड़ है। कलायत में 80 हजार से ज्यादा जाट वोट हैं तो कैथल में 45-50 हजार वोट हैं। दोनों नेताओं को इनका फायदा चुनाव में मिलता रहा है। अटकलें हैं कि रणदीप ¨सह सुरजेवाला कुरुक्षेत्र लोकसभा से एमपी का चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में उनका जेपी के साथ मनमुटाव खत्म करना फायदेमंद रहेगा। जेपी को भी कलायत में रणदीप ¨सह सुरजेवाला का वोट बैंक सहयोग करेगा। जेपी ने वर्ष 2014 में 52 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे तो रणदीप ¨सह सुरजेवाला 24 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे।