धरोहरों की देखरेख के लिए श्रीकपिल मुनि संरक्षण ट्रस्ट का गठन
कुरुक्षेत्र के 48 कोस की परिधि में विलुप्त होती सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए श्री कपिल मुनि पौराणिक धरोहर संरक्षण ट्रस्ट का गठन किया गया है। भाजपा के प्रांतीय उपाध्यक्ष धर्मपाल शर्मा को ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
संवाद सहयोगी, कलायत : कुरुक्षेत्र के 48 कोस की परिधि में विलुप्त होती सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए श्री कपिल मुनि पौराणिक धरोहर संरक्षण ट्रस्ट का गठन किया गया है। भाजपा के प्रांतीय उपाध्यक्ष धर्मपाल शर्मा को ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा आरएस भट्ट को प्रधान, डॉ. बैशाखी व राजेंद्र कुमार को उप-प्रधान, राजेश कुमार को सचिव, पार्षद राजीव को सह सचिव, र¨वद्र धीमान को प्रेस सचिव तथा बिट्टू कांसल को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। प्रमुख समाज सेवी र¨वद्र सूर्यवंशी, ज्योतिषाचार्य विशाल शर्मा को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में संगठन में शामिल किया गया है।
धर्मपाल शर्मा ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार सभी सांस्कृतिक धरोहरों का विकास करना चाहती हैं। इन कार्यों को रफ्तार देने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी है। इसी उद्देश्य के लिए ट्रस्ट बनाया गया है।
ट्रस्ट का दायित्व कलायत क्षेत्र की परिधि में आने वाले सात तीर्थ जिसमें श्री कपिल मुनि धाम, प्राचीन खड़ालवा शिव मंदिर, श्रीतीर्थ कसाण, मां मुकुटेश्वरी, कु-कत्य नाशम, श्री रस मंगल और चक्रपाणी धरोहर के साथ-साथ अन्य स्थलों के कायाकल्प में संबंधित क्षेत्र के महंतों की देखरेख में शासन-प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सांस्कृतिक धरोहरों को नया स्वरूप प्रदान करना है।
गैर भाजपा सरकारों ने धार्मिक स्थलों की सुध नहीं ली। परिणामस्वरूप अधिकतर स्थलों की स्थिति बेहद ¨चता जनक है। संस्कृति किसी राष्ट्र की पहचान होती है। अतीत का यह झरोखा भविष्य को राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास से रूबरू रखता है। इसलिए धरोहरों को ¨जदा रखना नितांत जरूरी है।
बॉक्स
छह वर्षों में धरातल पर
नहीं पहुंची घोषणा
तीन अप्रैल 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा ने श्री कपिल मुनि धाम के सुंदरीकरण के लिए करीब दो करोड़ रुपये की घोषणा की थी। सरकार के महत्वपूर्ण विभाग कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और भारतीय पुरातत्व विभाग में तालमेल नहीं होने के कारण यह राशि सौदर्यकरण पर व्यय नहीं हो पाई। पिछले छह वर्षो से यह घोषणा सरकारी फाइलों में घूम रही है।