विभाग की तरफ से मत्स्य पालन के लिए दी जा रही सहायता राशि : डीसी
डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग की तरफ से जिला में मत्स्य पालन गतिविधियों के लिए अनुसूचित जाति कल्याण योजना के तहत वर्ष 2019-20 के दौरान अनुसूचित जाति के परिवारों को विभिन्न मदों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
जागरण संवाददाता, कैथल : डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग की तरफ से जिला में मत्स्य पालन गतिविधियों के लिए अनुसूचित जाति कल्याण योजना के तहत वर्ष 2019-20 के दौरान अनुसूचित जाति के परिवारों को विभिन्न मदों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत मछली पालन के लिए पट्टे पर ग्रामीण तालाब, मछली पकड़ने जाल खरीदने, तालाब सुधार आदि पर अनुदान राशि प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण तालाबों को मछली पालन के लिए पट्टे पर लेने के लिए वित्तीय सहायता के तहत प्रथम वर्ष पट्टा राशि 50 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर या वास्तविक राशि का 50 प्रतिशत में से जो कम हो तथा इसकी अधिकतम सीमा 2 लाख रुपये है। अधिसूचित पानी में मछली पकड़ने के ठेके पर अनुदान के तहत स्वीकृत कुल बोली का 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा 4 लाख रुपये है। विभाग द्वारा स्थापित मछली मंडियों में दुकान तथा निजी दुकान किराये पर लेने के लिए वित्तीय अनुदान के तहत मछली की थोक बिक्री के लिए दुकान किराये पर लेनी होगी।
बाक्स- खाद खुराक पर 90 हजार प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाएगा
उन्होंने बताया कि खाद खुराक पर वित्तीय सहायता के तहत 60 प्रतिशत की दर से 90 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा। इसकी अधिकतम सीमा 1 लाख 80 हजार रुपये है। योजना के तहत 30 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति से संबंधित आबादी वाली ग्राम पंचायतों को तालाब सुधार पर वित्तीय सहायता के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा पंचायती भूमि पर बने तालाब के सुधार कार्य पर 2 लाख रुपये प्रति हैक्टेयर खर्च होगा। लघु साइज की रंगीन मछली की हैचरी इकाई की स्थापना करने पर 50 प्रतिशत की दर से 12 हजार 500 रुपये प्रति व्यक्ति अनुदान प्रदान किया जाएगा।
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