फेमिली आइडी सर्वे: डिपो होल्डरों की दो टूक, कुछ नहीं कर सकते हम
नगर परिषद की ओर से शुरू किया गया फेमिली आइडी बनाने के लिए सर्वे चुनौती बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की ओर से शुरू किया गया फेमिली आइडी बनाने के लिए सर्वे चुनौती बना हुआ है। शहर में अनुमानित परिवार 32 हजार हैं, लेकिन नगर परिषद अभी तक 24 हजार 300 परिवारों तक ही पहुंच पाई है। जो परिवार रह गए हैं उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है।
सर्वे के कार्य में सहयोग के लिए नप की ओर से शहर के सभी डिपो होल्डरों की मीटिग नप कार्यालय में बुलाई। 48 डिपो होल्डरों में से 40 पहुंचे हुए थे। अधिकारियों ने सर्वे के लिए सहयोग मांगा तो डिपो होल्डरों ने दो टूक जवाब दिया कि हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सर्वे करने वाले बीएलओ हर घर तक नहीं पहुंचे, जिस कारण ये परेशानी हो रही है।
नगर परिषद की ओर से तीसरी बार बीएलओ को वार्डों में भेजने की तैयारी की जा रही है। मीटिग में नप एक्सईएन हिमांशु लाटका, सचिव मोहन लाल, लेखा अधिकारी साहब राम, आपरेटर राजकुमार मौजूद थे।
हर वार्ड में हैं करीब एक हजार राशन कार्ड
शहर में कुल 31 वार्ड हैं। डिपो होल्डरों के अनुसार हर वार्ड में एक हजार से डेढ़ हजार तक राशन कार्ड बने हुए हैं। ऐसे में यह आंकड़ा भी 32 हजार के आस-पास ही बनता है। उन्होंने बताया कि उनके पास बीपीएल राशन कार्ड वाले ही राशन लेने के लिए आते हैं। हरे राशन कार्ड वाले उनके पास नहीं आते हैं। मुख्य समस्या यह है कि कई लोगों के घर दूसरे वार्ड में हैं और उनका राशन कार्ड दूसरे वार्ड में बना हुआ है। बचे हुए परिवारों की पहचान कर पाना उनके लिए मुश्किल है।
सहयोग नहीं कर रहे लोग
सरकार के निर्देशों पर नप की ओर से फेमिली आइडी बनाने का कार्य किया जा रहा है। जानकारी नहीं देने वाले लोग नप को इस कार्य में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिन परिवारों ने जानकारी नहीं दी है आने वाले समय में उनके लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। जानकारी न देने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार की सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। यहां तक कि उनके राशन कार्ड भी कैंसल किए जा सकते हैं। जब पहले सर्वे हुआ था तो करीब दो हजार परिवारों ने गलत जानकारी दे दी थी, जिस कारण उनकी जानकारी ऑनलाइन नहीं हो पाई थी।
बैठक में कोई रास्ता नहीं निकला
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि फेमिली आइडी सर्वे को लेकर सहयोग से लिए डिपो होल्डरों को बुलाया गया था। मीटिग में कोई संतोषजनक रास्ता नहीं निकल पाया। डिपो होल्डरों को फार्म दिए गए हैं। अब दोबारा से बीएलओ को वार्डों में भेजा जाएगा।