नप हाउस की बैठक बुलाने के लिए डीसी से नहीं मिल पाए पार्षद
नगर परिषद में हाउस की बैठक बुलाने के लिए पार्षदों ने डीसी को ई मेल से पत्र भेजा है। पत्र में चुनाव आयोग की एक प्रति भी भेजी गई है जिसमें किसी दूसरे राज्य में ऐसा ही मामला होने पर बैठक बुलाई गई थी। हालांकि पार्षदों ने डीसी से मिलने के लिए दो बार प्रयास किया और उनके पीए से संपर्क किया। पार्षद राकेश सरदाना व प्रतिनिधि धर्मबीर भोला ने बताया कि पीए ने उन्हें एक ही जवाब दिया कि डीसी मैडम व्यस्त हैं। ऐसे में पार्षद मंगलवार को दोबारा से डीसी से मिलने का प्रयास करेंगे।
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद में हाउस की बैठक बुलाने के लिए पार्षदों ने डीसी को ई मेल से पत्र भेजा है। पत्र में चुनाव आयोग की एक प्रति भी भेजी गई है, जिसमें किसी दूसरे राज्य में ऐसा ही मामला होने पर बैठक बुलाई गई थी।
हालांकि पार्षदों ने डीसी से मिलने के लिए दो बार प्रयास किया और उनके पीए से संपर्क किया। पार्षद राकेश सरदाना व प्रतिनिधि धर्मबीर भोला ने बताया कि पीए ने उन्हें एक ही जवाब दिया कि डीसी मैडम व्यस्त हैं। ऐसे में पार्षद मंगलवार को दोबारा से डीसी से मिलने का प्रयास करेंगे। अगर डीसी से मुलाकात नहीं हो पाती है तो पार्षद इस मामले में बैठक कर बड़ा फैसला लेंगे।
पिछले दिनों पार्षद डीसी से मिले थे, जिसके बाद डीसी ने इस मामले के लिए तीन दिन का समय मांगा था। अब वह समय भी खत्म हो चुका है, लेकिन यह तय नहीं हो पाया है कि मीटिग होगी या नहीं। 13 एजेंडों को लेकर पार्षद हाउस की मीटिग बुलाना चाहते हैं। प्रशासन की ओर से मीटिग बुलाई भी गई थी, लेकिन पार्षदों आने के करीब आधे घंटे बाद मीटिग कैंसल होने का संदेश आ गया था।
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हो सकता है विवाद,
बच रहा प्रशासन
हाउस की मीटिग बुलाने व न बुलाने को लेकर पार्षद दो गुटों में बंटे हुए हैं। एक गुट मीटिग बुलाना चाहता है तो दूसरा कैंसल करवाना चाहता है। दो गुट होने के कारण मीटिग में कोई भी विवाद हो सकता है। प्रशासन भी इस विवाद से बचने का प्रयास कर रहा है। अगर चुनावों के दौरान कोई ऐसी घटना हो जाए तो जिला प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। आचार संहिता लगी होने के कारण प्रशासन की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।
बॉक्स: एसडीएम की जिम्मेवारी लगाई है
डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि नगर परिषद में हाउस की मीटिग बुलाने को लेकर उन्होंने एसडीएम की जिम्मेदारी लगाई हुई है। एसडीएम को ही इस मामले में आगामी फैसला लेना है।