नए सॉफ्टवेयर में पांच परेशानी पहले से आधी हुई रजिस्ट्री
नए सॉफ्टवेयर ने तहसील कर्मचारियों के साथ आम लोगों की परेशानी भी बढ़ा रखी है। करीब एक महीने से सॉफ्टवेयर में कमी होने के कारण रजिस्ट्री का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नए सॉफ्टवेयर ने तहसील कर्मचारियों के साथ आम लोगों की परेशानी भी बढ़ा रखी है। करीब एक महीने से सॉफ्टवेयर में कमी होने के कारण रजिस्ट्री का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। कैथल तहसील में पहले रोजाना करीब 100 रजिस्ट्री होती थी और इनसे करीब 30 लाख रुपये राजस्व प्राप्त होता था। अब रोजाना करीब 50 ही हो रही हैं।
कई जिलों में रजिस्ट्री घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने 22 जुलाई से रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी थी। 17 अगस्त से काम शुरू होना था, लेकिन सॉफ्टवेयर के कारण शुरू नहीं हो पाया। लोगों को टोकन लेने में सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। नए सॉफ्टवेयर में पांच तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं। इसके बारे में तहसीलदार की ओर से डीसी और उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।
नए सॉफ्टवेयर के कारण ये पांच
आ रही हैं परेशानियां
- रिलीज डीड में टोकन के समय ट्रांजेक्शन वेल्यू मांगता है, जबकि सरकार की हिदायतों अनुसार रिलीज डीड पारिवारिक हस्तांतरण होता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं होता।
- शहर के कई गांव के टोकन शहरी क्षेत्र में लग रहे हैं, जो पहले ग्रामीण क्षेत्र में लगते थे। स्टांप ड्यूटी भी रजिस्ट्रेशन के समय शहरी क्षेत्र की उठाता है।
- शहरी क्षेत्र में आने वाली भूमि का टोकन अगर नगर परिषद क्षेत्र सीमा के अंदर लगाते हैं तो खेवट का विवरण नहीं आता। अगर नगर परिषद क्षेत्र सीमा के बाहर लगाते हैं तो खेवट का विवरण आ जाता है, लेकिन भूमि आइडी नहीं मांगता। इससे नगर परिषद के टैक्स का विवरण स्पष्ट नहीं हो पाता।
- कन्वेंश डीड में पहले मालिक का टीपी यानि ट्रांसफर परमिशन मांगता है जबकि पहले मालिक का कोई टीपी नहीं होता।
- सॉफ्टवेयर में सनसिटी और बेस्टसिटी का टोकन नहीं लग रहा है, क्योंकि इसका विकल्प नहीं दिख रहा है।
नहीं लग रहा टोकन
करोड़ा निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि उसे प्यौदा में जमीन को लेकर रजिस्ट्री करवानी थी। कई बार प्रयास करने के बाद भी टोकन नहीं लग पा रहा है। नए सॉफ्टवेयर के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है।
तहसीलदार सुदेश मेहरा ने बताया कि नए सॉफ्टवेयर के कारण कुछ परेशानियां आ रही हैं। इसके बारे में डीसी और उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।