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कर्ज के बोझ तले दबा किसान आत्महत्या करने को मजबूर

पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं इनेलो नेता रामपाल माजरा ने कहा कि सरकार की पिछले चार साल की नीतियों ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। फसल का उचित समर्थन मूल्य नहीं मिलने से किसान को साहूकारों और बैंकों से कर्ज लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कर्ज के बोझ तले दबा किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 12:11 AM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 12:11 AM (IST)
कर्ज के बोझ तले दबा किसान  आत्महत्या करने को मजबूर
कर्ज के बोझ तले दबा किसान आत्महत्या करने को मजबूर

जागरण संवाददाता, कैथल : पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं इनेलो नेता रामपाल माजरा ने कहा कि सरकार की पिछले चार साल की नीतियों ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। फसल का उचित समर्थन मूल्य नहीं मिलने से किसान को साहूकारों और बैंकों से कर्ज लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कर्ज के बोझ तले दबा किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है।

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माजरा सेक्टर 20 में स्थित अपने निवास पर 30 दिसंबर को बालू गांव में आयोजित जन अधिकार यात्रा के पहुंचने को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे थे। उन्होंने याद दिलाया कि जब ओमप्रकाश चौटाला की सरकार बनी तब बाजरा मिट्टी के भाव बिका करता था, लेकिन किसानों को मजबूत करने के लिए उन्होंने बाजरे का समर्थन मूल्य दो गुणा किया था। उनकी सोच है कि यदि देश का किसान कमजोर होगा तो देश कमजोर होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों से आज हर वर्ग दुखी है। किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहा है। इस अवसर पर पूर्व सरपंच संजीव छौत, अनिल तंवर, जसमेर तितरम, प्रदीप ¨सहमार, रामचंद्र करोड़ा, संदीप जुलानीखेड़ा मौजूद थे।


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