कृषि कानूनों के विरोध किसानों ने किया रोष प्रदर्शन
किसान आंदोलन के समर्थन में किच्छाना कुई पर किसानों ने धरना दिया। किसानों ने कहा कि पिछले कई दिनों से उनके गांव से ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर किसान दिल्ली जा रहे है और किसान आंदोलन में भाग ले रहे है।
संवाद सहयोगी, राजौंद:
किसान आंदोलन के समर्थन में किच्छाना कुई पर किसानों ने धरना दिया। किसानों ने कहा कि पिछले कई दिनों से उनके गांव से ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर किसान दिल्ली जा रहे है और किसान आंदोलन में भाग ले रहे है। किसानों ने कहा कि वह पिछले 17 वे दिनों से सुबह 10 बजे से लेकर शाम चार बजे तक किच्छाना कुई पर धरना देते हुए सरकार के प्रति रोष जता रहे है। किसान अनूप, काला, गुरनाम, जगदीश, धर्मवीर, राकेश, मनोज, अमित, बलजीत ने बताया कि जब तक सरकार तीनों कृषि विरोधी काले कानूनों को वापस नही लेती तब तक यह धरना जारी रहेगा। सरकार को तीनों कानून वापस लेने ही होंगे। इसके लिए किसान संघर्ष करते रहेंगे और किसान आंदोलन में वह अपना समर्थन धरना देते हुए करेंगे। उन्होंने बताया कि हर गांव से प्रतिदिन भारी संख्या में किसान किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच रहे है।
सरकार कर रही किसानों के साथ अन्याय : ढुल
संवाद सहयोगी, पाई:
भारतीय किसान यूनियन की बैठक बाबा दासू पट्टी दरवाजे पर हुई। अध्यक्षता प्रदेश कार्यकारिणी बलवान ढुल ने की। उन्होंने बताया की सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। इससे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। बैठक में गांव के 51 सदस्यों की कमेटी बनाई गई। यह कमेटी दिल्ली आंदोलन में चल रहे भंडारे के लिए फंड जुटाएगी। आंदोलन में समय समय पर सहयोग के लिए गांव से युवाओं व बुजुर्गों की टीम दिल्ली जाएगी। अगर चार जनवरी को किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो यह आंदोलन पूंजीवाद के खिलाफ जन आंदोलन के रूप में लंबे समय तक अनिश्चित काल तक चलेगा। बैठक में फैसला लिया गया कि गांव के हर घर से इस किसान- कुंभ के लिए सहयोग इकट्ठा किया जाएगा। अगर चार जनवरी को सरकार किसानों की मांग को अनदेखा करती है तो ढुल खाप के गावों से लगभग 500 से ज्यादा ट्रैक्टरों को दिल्ली आंदोलन में भेजने की योजना बनाई जाएगी।
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