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अनाज मंडी में किसानों ने डाला डेरा, शाम में शुरू हुई खरीद

सरकार की ओर से 26 सितंबर से धान की फसल खरीद शुरू की जानी थी। इसको लेकर किसान इस तिथि से नई अनाज मंडी में दो दिन पहले ही पहुंच गया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 06:54 AM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 06:54 AM (IST)
अनाज मंडी में किसानों ने डाला डेरा, शाम में शुरू हुई खरीद
अनाज मंडी में किसानों ने डाला डेरा, शाम में शुरू हुई खरीद

जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार की ओर से 26 सितंबर से धान की फसल खरीद शुरू की जानी थी। इसको लेकर किसान इस तिथि से नई अनाज मंडी में दो दिन पहले ही पहुंच गया था। खरीद शुरू होने की तय तिथि के छह दिन बीत जाने के बाद जब पूरा दिन किसान मंडी में डेरा डालकर बैठ गए तो शाम पांच बजे तुलाई का कार्य शुरू हुआ। इसके साथ ही लिफ्टिग का कार्य भी शुरू करवाया गया।

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शुक्रवार को स्वयं कैथल के एसडीएम संजय कुमार सुबह से ही मंडी में पहुंच गए। सुबह के समय एक एजेंसी खरीद का कार्य शुरू किया गया तो लिफ्टिग को लेकर हंगामा हो गया। एसडीएम ने किसानों की बैठक ली, जिसके बाद उन्हें आश्वासन दिया कि वह जल्द ही खरीद कार्य शुरू करवाकर तुलाई भी शुरू करवा देंगे, लेकिन समस्या का समाधान ही नहीं हुआ। दोपहर बाद भी मंडी में धान को तोल शुरू नहीं हुआ। इसके बाद एसडीएम ने दोबारा दखल दिया तो शाम पांच बजे खुली बोली शुरू हुई। इसके साथ ही एक एजेंसी की ओर से पिछले दो दिन में खरीदे गए करीब 3500 क्विंटल धान का तोल किया।

एसडीएम बोले, प्रधान जी इब थाम आराम करो, थारा काम मैं करूंगा

एसडीएम डा. संजय कुमार सुबह से ही मंडी में पहुंच गए थे। उन्होंने किसानों से कहा, प्रधानजी इब थाम आराम करो, बोहत बाट देख लेगी। थारा काम इब मैं करूंगा। उनका कहना था कि खरीद को लेकर अब किसानों को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी, लेकिन थोड़ी ही देर में किसानों ने एक और समस्या को लेकर रोष जताया। उन्होंने कहा कि खरीद होती रही और धान का उठान नहीं हुआ तो घटोतरी कौन देगा।

पूरा दिन एसडीएम कभी मार्केट कमेटी सचिव तो कभी खरीद एजेंसी के अधिकारियों की बैठक लेते रहे। उसके बाद शाम के समय किसानों को राहत मिली और तुलाई का कार्य शुरू हुआ। किसान इसी बात पर अड़े रहे कि जब तक उठान नहीं होगा, तब तक खरीद का कोई लाभ नहीं।

कमेटी कार्यालय में डटे रहे किसान :

अपनी समस्या का समाधान नहीं होने की स्थिति शाम तक सभी किसान मार्केट कमेटी के कार्यालय में ही डटे रहे। भारतीय किसान संघ के नेता सतपाल दिल्लोंवाली सहित अन्य किसान यहां शाम तक मौजूद रहे। किसानों की मांग थी कि जब तक उनके धान का खरीद नहीं की जाएगी। तब वह कार्यालय में डटे रहेंगे। शाम को जब खरीद का कार्य शुरू हुआ तो किसान वापस गए।

बॉक्स :

करनी पड़ रही रखवाली :

गांव हिम्मतपुरा के किसान जरनैल सिंह ने बताया कि वह तीन दिन पहले पीआर धान लेकर अनाज मंडी में पहुंचा था, लेकिन खरीद का कार्य शुरू नहीं हो पाया। जबकि 1509 भी पिछले सीजन की अपेक्षा तीन से चार सौ रुपये तक कम बिक रहा है। जिससे किसानों को घाटा है।

वहीं, साहब सिंह ने कहा कि किसानों के तमाम प्रदर्शन के बाद भी सरकार जाग नहीं रही है, जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ रहा है। यदि किसान को पूरा भाव मिलेगा तो उसकी परेशानियां दूरी होगी।

वर्जन : खुली बोली के बाद खरीद का कार्य शुरू

कैथल के एसडीएम डा. संजय कुमार ने बताया कि शुक्रवार को शाम के समय वेयर हाउस ने खुली बोली के बाद खरीद का कार्य शुरू किया है। पिछले दो दिन से एक एजेंसी की ओर से खरीद तो की जा रही थी, लेकिन तुलाई और लिफ्टिग की समस्या आ रही थी। जिस पर ही किसान अपना विरोध जता रहे थे। मुझे सीजन में एसडीएम कार्यालय ही मंडी में शिफ्ट करना पड़ा तो कर दूंगा, लेकिन किसानों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। शनिवार से पूरी व्यवस्था मंडी में कर दी जाएगी।

पांच दिन बाद शुरू हुई पीआर धान की खरीद

राजौंद : अनाज मंडी में पिछले पांच दिनों से पड़ी धान की बोली शुरू होने से होने से किसानों ने राहत की सांस ली। शुक्रवार को खाद्य आपूर्ति विभाग ने पहले दिन पीआर धान की खरीद की गई। पहले दिन खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 170 क्विंटल की खरीद हुई। हालांकि मंडियों में धान की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन नमी के चलते खरीद नहीं हो पा रही थी, जिन किसानों की धान की फसल की खरीद की गई, उनमें नमी 17 प्रतिशत तक थी। उन्हें विभाग द्वारा संदेश भी भेजा गया था।

पाई अनाज मंडी में नहीं शुरू हुई खरीद

पाई : अनाज मंडी में शुक्रवार को भी किसानों की सरकारी धान की खरीद नहीं हो पाई। मंडी के पूर्व प्रधान रणधीर सिंह फौजी ने बताया कि पाई मंडी में एफ सी आई की खरीद है और इस समय लगभग 30 हजार बोरी पीआर धान की आई हुई है।


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