किसानों ने मनाई काली लोहड़ी, देर रात तक सरकार विरोधी नारे लगाते रहे किसान
लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार हर वर्ष किसान हर्षोंल्लास के साथ मनाते हैं और सुबह से लेकर सांय तक कार्यक्रम लोहड़ी के उपलक्ष्य में चलते रहते हैं। देर रात गांव चीका में त्योहार काली लोहड़ी के रूप में मनाया गया।
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका: लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार हर वर्ष किसान हर्षोंल्लास के साथ मनाते हैं और सुबह से लेकर सांय तक कार्यक्रम लोहड़ी के उपलक्ष्य में चलते रहते हैं। देर रात गांव चीका में त्योहार काली लोहड़ी के रूप में मनाया गया। लोगों ने रात को काला तेल डालकर अपना विरोध प्रकट किया और खेती कानून की प्रतियों को भी अग्नि में डाल दिया। किसानों का कहना है कि सरकार ने उन्हें हल्के में लेने का प्रयास किया है जो उन्हें भविष्य में काफी महंगा पड़ेगा। किसान राजेश कुमार, राजीव सिंह, आशीष कुमार, अमरजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, मलकीत सिंह, हरमन जोत, हरदीप सिंह व अवतार सिंह ने कहा कि जब मंडियों की जरूरत नहीं रहेगी तो मंडी बोर्ड अपने आप खत्म हो जाएगा, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और कॉर्पोरेट कोई पैसा सड़कों आदि पर खर्च नहीं करेगा।
अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे किसान : भड़ाना
जागरण संवाददाता, कैथल : फरीदाबाद से पूर्व सांसद एवं उत्तर प्रदेश के मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक अवतार सिंह भड़ाना गांव क्योड़क में पहुंचे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जो सांसद या विधायक किसानों की हित की बात नहीं करेगा उसे जनप्रतिनिधि के पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। भड़ाना मीरापुर से विधायक और भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों को बर्बाद करने वाले हैं। किसान बचेगा तो देश बचेगा। किसान की आने वाली पीढ़ी खत्म हो जाएगी। कृषि कानूनों को निरस्त करवाने के लिए देश के सभी किसानों को एकजुट होकर आंदोलन का सहयोग करना होगा। किसान अब करो या मरो पर आ चुका है। अगर अब हमने इनका साथ नहीं दिया तो आने वाली पीढ़ी कभी हमें माफ नहीं करेगी। भड़ाना ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसी प्रकार के टकराव से साफ इंकार किया है।