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कृषि विधेयक के विरोध किसान ने की नारेबाजी

सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक के विरोध में रविवार को सीवन अनाज मंडी में किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शहर में प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:27 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 06:27 AM (IST)
कृषि विधेयक के विरोध किसान ने की नारेबाजी
कृषि विधेयक के विरोध किसान ने की नारेबाजी

संस, सीवन:सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक के विरोध में रविवार को सीवन अनाज मंडी में किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शहर में प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका।

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अमरेंद्र खारा ने कहा कि सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करें। कृषि विधेयक बिल को वापस लिया जाए। इस विधेयक से किसान व आढ़तियों के भाईचारे को यह सरकार समाप्त करना चाहती है। सरकार को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। यह विधेयक बेरोजगारी को बढ़ाने वाला है। सरकार बिना देरी करे इस विधेयक को वापस ले।

भाजपा सरकार मजदूर, किसान व व्यापारी विरोधी: जितेंद्र

संवाद सहयोगी, सीवन : आम आदमी पार्टी उत्तरी जोन हरियाणा के संयुक्त सचिव मास्टर जितेंद्र खेड़ी ने कहा कि भाजपा सरकार मजदूर, किसान व व्यापारी विरोधी है। भाजपा सरकार ने हर वर्ग की कमर तोड़ दी है। भाजपा सरकार को यह काले कानून वापसी लेने चाहिए और फैसला किसानों के हित में देना चाहिए। अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री फैसले लेने में इतने असमर्थ हैं तो उन्हें तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि हरियाणा के किसानों को, मजदूर भाइयों को, बेरोजगार युवाओं को राहत की सांस मिल सके।

खेत-खलिहान को पूंजीपतियों

को ना सौंपे सरकार- माजरा

जासं, कैथल: पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि सरकार को कृषि विधेयक बिल को वापस लेना चाहिए। हरियाणा प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। खेत-खलिहानों को पूंजीपतियों को ना सौंपे। इससे देश का अन्नदाता अपने ही खेत में नौकर बनकर रह जाएगा। कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत किसानों के बैंक लोन की राशि को किसानों के खाते से ही काट लिया जाएगा। इसके बाद कुछ बचेगा तो किसान को उपज की कीमत मिलेगी। इससे किसान के हाथ क्या आएगा। अन्नदाता कड़ी मेहनत से फसल उगाने के बाद भी खाली हाथ रह जाएगा।

कृषि विधेयक के खिलाफ

किसानों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, पूंडरी:

कृषि विधेयक के विरोध में भारतीय किसान यूनियन हाबड़ी गुट ने कस्बे में जोरदार प्रदर्शन किया और गुरु ब्रह्मानंद चौक पर बैठकर धरना दिया। इससे पहले किसान पूंडरी के किसान भवन में एकत्रित हुए। अध्यक्षता भाकियू के राष्ट्रीय सलाहकार अजीत सिंह हाबड़ी ने की। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार किसान विरोधी इन कृषि विधेयक को वापिस नहीं लेती तब तक किसान चुप बैठने वाले नहीं है।

किसानों के साथ किया जा रहा है अन्याय

जासं, कैथल: अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्य प्रधान महेंद्र सिंह की अध्यक्षता में लघु सचिवालय में एकत्रित हुए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। खट्टर सरकार ने पीपली रैली में किसानों पर जो लाठीचार्ज किया है। वह किसानों के साथ अन्याय किया गया है। इससे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। जब तक कृषि संबंधी पास किए गए विधेयक सरकार वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।


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