कृषि वैज्ञानिकों सलाह से प्रयोग करें दवाई : दलाल
गेहूं की बिजाई का उपयुक्त समय चल रहा है जो 90 प्रतिशत तक पूरी हो चुकी है। इसके बाद किसान भाइयों की सबसे बड़ी परेशानी गेहूं की फसल में उगने वाला खरपतवार। गेहूं की फसल में अलग-अलग प्रकार के खरपतवार उगते हैं।
संवाद सहयोगी, सीवन : गेहूं की बिजाई का उपयुक्त समय चल रहा है जो 90 प्रतिशत तक पूरी हो चुकी है। इसके बाद किसान भाइयों की सबसे बड़ी परेशानी गेहूं की फसल में उगने वाला खरपतवार। गेहूं की फसल में अलग-अलग प्रकार के खरपतवार उगते हैं। इसमें कुछ खरपतवार संकरी पत्ती के वह कुछ खरपतवार चौड़ी पत्ती के होते हैं। संकरी पत्ती में सबसे अधिक हानिकारक खरपतवार जिसे किसान गुल्ली डंडे के नाम से जानता है। इसकी रोकथाम के लिए अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध है। किसान कृषि वैज्ञानिकों से सलाह करके ही दवाईयों का प्रयोग करें। उपरोक्त विचार डा. विनीत दलाल ने गांव गोबिन्दपुरा में आयोजित एक किसान गोष्ठी में व्यक्त किए। दलाल ने कहा कि भारत इंसेक्टिसाइड कंपनी जो मित्सुई लिमिटेड जापान समूह की कंपनी है जिसका बाजार में कोलंबस के नाम से दवाई उपलब्ध है। इसे पहले पानी के बाद जब खेत में गुल्ली डंडा या मुंडू सी चार से पांच पत्ती की हो जाए किसान 160 ग्राम दवाई प्रति एकड़ के हिसाब से इस्तेमाल कर सकता सकता है।
इसके साथ ही वेरोना का प्रयोग 400 मिली मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से 120 लीटर पानी प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना है। इसमें भी किसान भाइयों आपको ध्यान रखना है कि खेत में गुल्ली डंडे की पत्तियों की संख्या तीन से पांच पत्ती की अवस्था होनी चाहिए। यह उत्पाद मुख्य फसल के लिए पूर्ण तरीके से सुरक्षित है जिसमें आपकी गेहूं की फसल को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती और यह उत्पाद सभी मौसम में असरदार है।
वेरोना का छिड़काव होने के बाद इसे खरपतवार जल्दी अवशोषित कर लेते हैं और और यह बारिश होने के एक घंटे बाद भी पूर्ण तरीके से काम करता है और प्रभावी रूप से गुल्ली डंडे को नियंत्रित करता है। इस अवसर पर पुरषोतम सिंह, कुलदीप सिंह, अन्तर सिंह, राजविद्र सिंह, तरसेम सिंह, जरनैल सिंह मौजूद थे।