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छत्तीस के आंकड़े में फंसी एचएसजीपीसी की कुर्सी

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) के प्रधान पद के 13 अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए शुक्रवार को उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र भरे जाने के बाद दादूवाल व झींडा ग्रुप में आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 06:17 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:17 AM (IST)
छत्तीस के आंकड़े में फंसी एचएसजीपीसी की कुर्सी
छत्तीस के आंकड़े में फंसी एचएसजीपीसी की कुर्सी

रामकुमार मित्तल, गुहला-चीका: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) के प्रधान पद के 13 अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए शुक्रवार को उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र भरे जाने के बाद दादूवाल व झींडा ग्रुप में आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं।

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दादूवाल ग्रुप के प्रधान पद के उम्मीदवार जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने गुरुद्वारा छठी व नौवीं पातशाही चीका में बातचीत करते हुए कहा कि प्रधान पद के लिए वोट डालने का अधिकार 36 सदस्यों का नही है, सिर्फ 32 सदस्य ही वोट डाल सकते है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने एचएसजीपीसी के लिए 41 सदस्यों को मनोनीत किया था, जिनमें से तीन की मृत्यु हो चुकी है। एक सदस्य भूपेंद्र सिंह असंध पहले ही कमेटी से इस्तीफा दे चुके हैं। दूसरे भूपेंद्र सिंह जोर के कभी भी कमेटी मीटिग में शामिल ना होने के कारण उनकी सदस्यता अपने आप रद हो चुकी है। उन्होंने बताया कि तीन सदस्य बाबा गुरमीत सिंह त्रिलोके वाला, हरपाल सिंह व अमरीक सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर में जाकर शपथ ले चुके है और वहां की हर मीटिग में भाग ले रहे है। इसलिए उन तीनों का भी हरियाणा कमेटी में सदस्य बने रहने का कोई अधिकार नही है।

दादूवाल ने कहा कि शुक्रवार को एक सदस्य हरप्रीत सिंह नरुला ने प्रधान पद के लिए अपना नामांकन पत्र भरा था। यह सदस्य भी ना तो उम्मीदवार बन सकता और ना ही इस सदस्य को वोट डालने का अधिकार है क्योंकि इसके खिलाफ एक अश्लील पोस्टर जारी हो चुका है। इस कारण हरियाणा कमेटी की बदनामी हुई है। दादवूाल ने बताया कि कुछ दिन पहले हरियाणा कमेटी के कार्यालय सचिव व चुनाव अधिकारी को एक पत्र लिखकर इन तीन सदस्यों के बारे में जानकारी भी मांगी गई थी, लेकिन कार्यालय सचिव द्वारा उस पत्र का आज तक कोई भी जवाब नहीं दिया गया है।

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह प्रधान पद के इस चुनाव में दखल देकर हरियाणा गुरुद्वारा एक्ट के अधीन चुनाव करवाए। वह नहीं चाहते कि चुनाव वाले दिन किसी भी प्रकार का कोई विवाद हो, लेकिन कार्यालय सचिव एकतरफा चल कर चुनाव को कानूनी तौर पर नहीं होने देना चाहते। दादूवाल ने बताया कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा कमेटी को सभी गुरुद्वारों का सेवा संभालने का कार्य कानूनी तौर पर सौंपा तो कमेटी हरियाणा के हर जिले में बड़े स्तर पर शिक्षा व मेडिकल सुविधा प्रदान करेगी। जो आज कमेटी में गुटबाजी पैदा हुई है, इसके लिए जिम्मेवार खुद पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा हैं।

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आरोप बेबुनियाद : बराड़ी

कार्यालय सचिव व चुनाव अधिकारी मास्टर दर्शन सिंह बराड़ी ने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। तीन सदस्यों की वोट ना डालने के अधिकार की बात कही जा रही है। उसके लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं से सलाह ली जा चुकी है। उन्हें वोट डालने का अधिकार है। जिन 36 सदस्यों की कार्यालय की ओर से सूची जारी की गई है, उसी सूची को ही माना जाएगा। प्रधान पद के लिए पांच उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र भरा था, जिनमें जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, जसवीर सिंह खालसा, स्वर्ण सिंह रतिया, हरप्रीत सिंह नरूला व जयवीर सिंह भट्टी शामिल हैं।


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