बच्चों के साथ बुजुर्ग भी खेलों के माध्यम से अपना समय कर रहे व्यतीत
पिछले 12 दिनों से पूरा देश लॉकडाउन है और सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं। ऐसे में बच्चों के साथ बड़े बुजुर्ग भी खेलों के माध्यम से अपना समय व्यतीत कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, सीवन : पिछले 12 दिनों से पूरा देश लॉकडाउन है और सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं। ऐसे में बच्चों के साथ बड़े बुजुर्ग भी खेलों के माध्यम से अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। बच्चों को तो खेलने का स्थान नहीं मिल पा रहा है और बुजुर्गों के बाहर निकलने की चहलकदमी अब रूकी हुई है। घर से कोई बाहर निकल ही नहीं सकता है। पहले तो स्कूल और ट्यूशन से समय न मिलने के कारण बच्चे अपने दादा-दादी के साथ लंबा समय नहीं बिता पाते थे, लेकिन अब वह पूरा दिन उनके साथ बिता रहे हैं। बुजुर्ग उत्तम देवी ने कहा कि तकनीकि युग और तेजी से दौड़ रहे समय के बीच बच्चे भी व्यस्त रहते हैं, लॉकडाउन में 21 दिन का समय परिवार के सदस्यों के साथ बिताने को मिला है। जबकि सामान्य दिनों में ऐसा नहीं होता है, अब अपनों के साथ आत्मचितन करने का पूरा समय मिला है।
लिहाजा अब सभी बुजुर्ग घरों के अंदर ही लूडो, सांप सीढ़ी, कैरम बोर्ड गेम खेलकर समय व्यतीत कर रहे हैं। बुजुर्ग कुसुम रहेजा ने बताया कि शुरूआत में तो समय बिताना बहुत कठिन लगा था, लेकिन अब अब खेल खेल में समय कैसे व्यतीत होता है पूरा दिन बीत जाता है यह पता ही नहीं चलता। बच्चे भी इससे खुश हैं कि उनके दादा और दादी अब वह पूरा दिन उनके साथ रहते हैं। सोमवार को उन्होंने लगातार चार घंटे तक अपने पोते-पोती के साथ कैरम बोर्ड खेलकर अपना मनोरंजन किया।