स्कूल बसों के सहारे यात्रियों को राहत देने का प्रयास
-रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल तीन दिन और बढ़ी - करीब 70 किलोमीटर के एरिया में भेजी
-रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल तीन दिन और बढ़ी
- करीब 70 किलोमीटर के एरिया में भेजी जा रही हैं बसें
- 97 प्राइवेट व 33 स्कूली बसें चलने से यात्रियों कुछ राहत जागरण संवाददाता, कैथल : रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल तीन दिन और बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। वहीं प्रशासन भी इस स्थिति से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। शुक्रवार को जिला प्रशासन की ओर से 33 स्कूली बसों को यात्रियों के लिए विभिन्न रूटों पर चलाया गया है। इन बसों को स्कूल के ही ड्राइवर व कंडक्टर चला रहे हैं। इसके अलावा करीब 30 स्कूली बसें प्रशासन ने अपने पास रखी हुई हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर चलाया जा सकेगा। अब रविवार तक इन स्कूली बसों व 97 प्राइवेट बसों के सहारे ही यात्रियों का यात्रा करवाई जाएगी। फिलहाल विभाग की ओर से लंबे रूटों पर बसें नहीं भेजी जा रही हैं।
रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि स्कूली बसों को लंबे रूटों पर भेजना ठीक नहीं होगा। इससे कोई हादसा भी हो सकता है। ऐसे में करीब 70 किलोमीटर के एरिया में ही बसें चलाई जा रही हैं। चक्कर लगाने के बाद बस चालक रोडवेज को किराया जमा करवा रहे हैं। स्कूली बसों को 30 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसा दिया जाएगा। रविवार तक प्रशासन इनके सहारे ही व्यवस्था को ठीक करने में लगा हुआ है। वहीं वीरवार को जिन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था वे जमानत लेकर बाहर आ रहे हैं। बॉक्स
फार्म जमा करवाने उमड़ी युवाओं की भीड़ रोडवेज में भर्ती होने के लिए दो दिन से बस स्टैंड पर युवा पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को अधिकारियों ने युवाओं से फार्म भरवाकर जमा करवाए गए। करीब 200 युवाओं ने अपने फार्म विभाग के पास जमा करवाए। इसके साथ ही बस स्टैंड के बाहर आनलाइन फार्म भरने वाली दुकानों पर भी भीड़ लगी रही। दुकानदारों ने भी इस मौके का जमकर फायदा उठाया और 50 रुपये में युवाओं को एक फार्म बेचा। बस स्टैंड पर फार्म जमा करवाने पहुंचे युवाओं को भी परेशानी उठानी पड़ी। भीड़ ज्यादा हो गई, लेकिन संभालने वाला कोई नहीं थी। युवा जब नारेबाजी करने लगे तो पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस की देखरेख में युवाओं को लाइन में लगवाया और एक-एक करके फार्म जमा किए गए। बॉक्स
स्कूली बस चालक व परिचालक ही रखेंगे पैसों का हिसाब प्रशासन की ओर से आनन-फानन में स्कूली बसें चलाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए रोडवेज विभाग के पास ना तो कर्मचारी हैं जो इनका हिसाब किताब रख सके और ना स्कूली बसों को टिकट दी जा रही है। स्कूली बसों के स्टाफ की इमानदारी पर ही सब निर्भर करता है। यात्रियों से बिना टिकट पैसे लिए जा रहे हैं और यात्रियों की कोई गिनती भी नहीं हो रही है। ऐसे में यह व्यवस्था विभाग के खजाने पर भी भारी पड़ सकती हैं।
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बस स्टैंड के बाहर से ही यात्री बैठा रहे मैक्सी कैब चालक हड़ताल के कारण प्राइवेट वाहन चालक जमकर चांदी कूट रहे हैं। मैक्सी कैब चालकों की बस स्टैंड के बाहर लाइन लगी हुई है। करीब 20 कैब चालक बस स्टैंड के बाहर डेरा जमाए हुए हैं। जैसे ही यात्री आते हैं उन्हें गाड़ी में बैठाने की कोशिश करते हैं। जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र सहित सभी रूटों पर कैब चालक जा रहे हैं। कैब चालक अपने वाहन में 15 से 20 सवारियों को बैठा रहे हैं जो लोगों की ¨जदगी पर भारी पड़ सकती है बॉक्स
नई भर्ती के लिए जमा कराए ला रहे फार्म : रामकुमार रोडवेज महाप्रबंधक रामकुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए 33 स्कूली बसें चलाई गई हैं। इसके अलावा 97 प्राइवेट बसें पहले ही चल रही हैं। यात्रियों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। नई भर्ती के लिए युवाओं से आवेदन फार्म भी जमा करवाए जा रहे हैं।