Move to Jagran APP

कोरोना महामारी के दौरान रेनू चावला ने गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी का संभाला जिम्मा

कोरोना महामारी का वह दौर आज भी याद है। सब कुछ एक तरह से ठहर-सा गया था। घर से ड्यूटी पर आते समय मन में एक भय था लेकिन हौसला कम नहीं होने दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 06:24 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 06:24 AM (IST)
कोरोना महामारी के दौरान रेनू चावला ने गर्भवती  महिलाओं की डिलीवरी का संभाला जिम्मा
कोरोना महामारी के दौरान रेनू चावला ने गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी का संभाला जिम्मा

जागरण संवाददाता, कैथल : कोरोना महामारी का वह दौर आज भी याद है। सब कुछ एक तरह से ठहर-सा गया था। घर से ड्यूटी पर आते समय मन में एक भय था, लेकिन हौसला कम नहीं होने दिया। सीनियर अधिकारियों का मार्गदर्शन और परिवार के लोगों का साथ मिला और संकट की घड़ी में बीमारी की परवाह न करते हुए गर्भवती महिलाओं की न केवल जांच की बल्कि अलग से ऑप्रेशन थियेटर बनाकर डिलीवरी भी करने का काम किया।

loksabha election banner

यह कहना है जिला नागरिक अस्पताल की एसएमओ एवं गायिनी वार्ड की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रेनू चावला का। नमो देव्यै: महा देव्यै: अभियान के तहत डा. रेनू चावला से बातचीत की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 के अप्रैल माह में कोरोना ने जिले में दस्तक दी थी। चार अप्रैल को जब पहला केस आया तो जिलावासी ही नहीं बल्कि चिकित्सकों के मन में भी डर पैदा हो गया।

केस मिलने के अगले दिन जब अस्पताल आए तो पूरा दिन भय के साये में ड्यूटी की। डा. रेनू चावला बताती हैं कि उनके पति डा. आरडी चावला भी सिविल अस्पताल में सर्जन हैं, उन्होंने उनका और स्टाफ सदस्यों का हौसला बढ़ाया। कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में 20 से 25 गर्भवती महिलाओं की ओपीडी थी। कोरोना महामारी की हिदायतों का पालन करते हुए उनकी जांच की।

अब 100 से ज्यादा ओपीडी

डा. रेनू चावला ने बताया कि अब 100 से ज्यादा ओपीडी है। कोरोना महामारी को देखते हुए अलग से बैंच लगाते हुए बैठाया जाता है ताकि दो गज की दूरी का पालन किया जा सके। बिना मास्क के ओपीडी में आने की अनुमति नहीं है। इसी तरह से गायिनी वार्ड में भी कोरोना महामारी की हिदायतों का पालन करते हुए महिलाओं को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

वार्ड में गर्भवती महिला के साथ एक ही महिला को आने की अनुमति है, ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। डा. रेनू चावला ने बताया कि रोजाना सात से आठ डिलीवरी होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.