बसों की कमी के चलते परिवहन विभाग ने घटाए रुट, यात्रियों की बढ़ी परेशानी
1989 में जिला बनने के बाद 160 बस बेड़े में थी अब घटकर रह गई हैं मात्र एक सौ। रोजाना 25 हजार यात्री करते हैं बसों में सफर। शाम को 4 बजे के बाद बढ़ जाती है बसों की समस्या।
कमल बहल, कैथल
रोडवेज डिपो में बसों का भारी टोटा हो गया है, इसे देखते हुए विभाग ने अब रूटों को घटा दिया है। बस अड्डा से अब यात्रियों को शाम पांच बजते ही लोकल व लंबे रुटों की बसें नहीं मिल रही हैं। इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले पांच साल में केवल पांच बसें ही बेड़े में शामिल हो पाई है, जबकि 40 से अधिक बसें कंडम हो चुकी हैं। बसों की कमी के कारण यात्रियों को मजबूरन निजी वाहनों में सफर करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
वर्ष 1989 में जिला बनने के बाद 160 बसें बेड़े में शामिल हुई थीं। अब मात्र 120 बसें ही विभाग के पास हैं, जबकि रोजाना यहां से 25 हजार के करीब यात्री सफर करते हैं। यात्रियों को बसों में लटककर सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सुबह के समय पांच से दस मिनट की बस मिलने की सर्विस शाम चार बजे के बाद एक घंटे की हो जाती है। शाम चार बजे के बाद करनाल, कुरुक्षेत्र व जींद जाने वाली बसों के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। लंबे रूटों को आठ महीने पहले ही कर दिया था बंद
बता दें कि कैथल से शिमला, देहरादून, कटरा और जयपुर जाने वाली बसों को बसों की कमी होने पर करीब आठ महीने पहले ही बंद कर दिया था, जिससे अब जिला के यात्री न तो यहां से सीधे मां वैष्णों देवी जा सकते है और न ही जयपुर और हरिद्वार। अब तो बसों की कमी में लोकल रुटों पर बसें घटा दी गई है, जिससे यह समस्या अब और अधिक बढ़ गई है। इन रूटों पर शाम चार बजे के बाद आती अधिक समस्या :
रोडवेज बेड़े में बसों की कमी के चलते कुरुक्षेत्र, दिल्ली, जींद, करनाल, हिसार व चंडीगढ़ के रूट पर शाम चार बजे के बाद अधिक समस्या आती है। इन रूटों पर सुबह से लेकर शाम चार बजे से पहले महज पांच से 15 मिनट तक बसें चलने की सर्विस है, लेकिन शाम के चार बजते ही बस चलने की सर्विस एक घंटा हो जाती है। ऐसे में बसों के रूट न होने के कारण यात्री काफी परेशानी में यात्रा करते है। एक घंटे के इंतजार बाद भी नहीं मिली बस :
सिरसा जाने वाले यात्री मोहन ने बताया कि वह सिरसा से कैथल किसी काम से आया था, वापिस उसे सिरसा जाना है, शाम तीन बजे कैथल के नए बस स्टैंड पर पहुंचा था, लेकिन चार बजे तक भी सिरसा जाने वाली कोई बस नहीं मिली, सिरसा तो कैथल से कोई ट्रेन भी नहीं जाती है, काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बसों की कमी में आम यात्रियों को अधिक कठिनाई होती है। बसों का प्रबंध करे सरकार :
फतेहाबाद जाने वाले यात्री जितेंद्र कुमार ने बताया कि वह भी कैथल में सुबह के समय किसी रिश्तेदार के घर आया था, सुबह के समय कैथल आने में कोई परेशानी नहीं हुई। अब शाम के समय वापिस जाना है तो पिछले 40 मिनट से कोई बस नहीं मिली है। काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। यात्रियों की समस्या को देखते हुए सरकार को बसों का उचित प्रबंध करना चाहिए। करनाल की भी नहीं मिलती बस :
करनाल जाने वाले दैनिक यात्री पुनीत शांडिल्य ने बताया कि वह करनाल में नौकरी करता है, सुबह के समय करनाल जाने वाली बसें को आसानी से मिल जाती है, लेकिन शाम के समय कैथल डिपो की बस शाम छह बजे के बाद वहां से नहीं आती है। काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। सरकार इस समस्या का जल्द समाधान करना चाहिए। शाम के समय रूटों पर समस्या बसों की कमी के कारण है। पिछले पांच साल में केवल पांच बसें ही डिपो में आई हैं, जबकि 20 बसें कंडम हो चुकी हैं। रूटों पर समय तो अधिक निर्धारित किए गए हैं, लेकिन बसों की कमी से इन समय पर बसें नहीं चल पाती हैं। दूसरा, ओवर टाइम के बंद होने के बाद भी समस्या में इजाफा हुआ है। डिपो में नई बसें आएंगी तो ही समस्या से कुछ राहत मिल पाएगी।
- राजकुमार भुक्कल, रोडवेज महाप्रबंधक