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पुनीत के अथक प्रयास से आज हर घर से उठ रहा कचरा

एडवोकेट पुनीत चौधरी को शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था का जनक कहा जाता है। वे ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए प्रयास शुरू किया था। पुनीत ने बताया कि उन्होंने 2009 में शहर से गंदगी मिटाने के लिए प्रयास शुरू किया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 06:58 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 06:58 AM (IST)
पुनीत के अथक प्रयास से आज हर घर से उठ रहा कचरा
पुनीत के अथक प्रयास से आज हर घर से उठ रहा कचरा

सुनील जांगड़ा, कैथल : एडवोकेट पुनीत चौधरी को शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था का जनक कहा जाता है। वे ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए प्रयास शुरू किया था। पुनीत ने बताया कि उन्होंने 2009 में शहर से गंदगी मिटाने के लिए प्रयास शुरू किया था। शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहते थे और बदबू का आलम रहता था।

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उन्होंने महात्मा गांधी और अन्ना हजारे से प्रेरित होकर शहर को कचरा मुक्त करने का अभियान शुरू किया। इस काम को करने के लिए वे नगर परिषद में गए। अधिकारियों से इस काम के लिए सहयोग मांगा, लेकिन कुछ भी नहीं मिला। उसके बाद उन्होंने 2012 में माता गेट वार्ड आठ को गोद ले लिया। अकेले ही झाडू उठाया और गलियों में सफाई करने लगे। यह देखकर कुछ कॉलोनी के लोग भी उनके साथ हो गए।

इसके बाद उन्होंने वार्ड में एक सफाई कर्मचारी और एक रेहड़ी लगा दी। रेहड़ी वाला हर घर में जाता और कचरा एकत्रित करता। लोग भी सहयोग करने लगे वार्ड में भी सफाई रहने लगी थी। उस समय सफाई के मामले में वार्ड आठ एक मिसाल बनकर सामने आया था।

यूटीलीटी कोर्ट में डाला केस

सारे शहर को साफ रखने और घर-घर से कचरा उठाने के लिए पुनीत चौधरी ने दिसंबर 2012 यूटीलीटी कोर्ट में केस कर दिया। फैसला उनके हक में आया और कोर्ट ने नगर परिषद को डोर टू डोर कचरा उठाने के आदेश दिए।

नप की ओर से उस समय पहली बार डोर टू डोर कचरा उठान को लेकर ठेका दिया गया। जगह-जगह कचरा ना फैले इसके लिए मुख्य स्थानों पर कचरा प्वाइंट बनाए गए। आज भी नप की ओर से डोर टू डोर कचरा उठान का ठेका दिया जाता है।

नालियों को करवाया कवर

शहर से कचरे की समस्या का काफी हद तक समाधान करने के बाद उन्होंने गंदगी से भरी रहने वाली नालियों की सफाई को लेकर अभियान शुरू किया। सफाई नहीं होने के कारण नालियां ओवरफ्लो रहती थी और गलियों में गंदा पानी बहता रहता था। उन्होंने वार्ड आठ में सभी नालियों की सफाई करवाकर उन्हें कवर करने का कार्य शुरू किया। उसके बाद नप की ओर से शहर के हर वार्ड में नालियों को कवर करने का काम शुरू किया गया था, जिसके बाद नालियां साफ रहने लगी थी।


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