रोडवेज डिपो में बसों की कमी यात्रियों की बढ़ी परेशानी
दिन- सोमवार, समय- 11 बजकर 42 मिनट, स्थान- कैथल का नया बस स्टैंड। कैथल से विभिन्न रूटों पर जाने वाली बसों के कई काउंटर खाली पड़े हैं। कुछ यात्री बस स्टैंड के अंदर बैंचों पर बैठकर बसों के आने का इंतजार कर रहे हैं तो कुछ बाहर धूप में खड़े होकर अपने रूटों पर जाने वाली बसों की राह ताक रहे हैं। बसें नहीं मिलने के कारण शहर के शिक्षण संस्थानों में आने वाले विद्यार्थी भी इंतजार में बैठे हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल :
दिन- सोमवार, समय- 11 बजकर 42 मिनट, स्थान- कैथल का नया बस स्टैंड। कैथल से विभिन्न रूटों पर जाने वाली बसों के कई काउंटर खाली पड़े हैं। कुछ यात्री बस स्टैंड के अंदर बैंचों पर बैठकर बसों के आने का इंतजार कर रहे हैं तो कुछ बाहर धूप में खड़े होकर अपने रूटों पर जाने वाली बसों की राह ताक रहे हैं। बसें नहीं मिलने के कारण शहर के शिक्षण संस्थानों में आने वाले विद्यार्थी भी इंतजार में बैठे हैं। कुछेक बुजुर्ग आसपास के लोगों से गंतव्य तक जाने वाली बसों के बारे में पूछ रहे हैं। कुछ इस प्रकार के हालात सोमवार को दोपहर से पहले बस स्टैंड पर दिखाई दिए। ये हालात डिपो में बसों की कमी के कारण बने हुए है।
यहां रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। करीब 20 हजार यात्री रोजाना सफर करते हैं। हालांकि कैथल डिपो में यात्रियों की संख्या को देखते हुए यहां कम से कम 200 बसों की जरूरत है, लेकिन इस समय केवल 127 बसें ही विभिन्न रूटों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनमें से भी कई बसें तो हर रोज वर्कशॉप में खड़ी रहती हैं। ऐसे में यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए या तो घंटों इंतजार करना पड़ता है या फिर कई बार निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।
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कंडम हो रही बसें :
डिपो में कंडम हो रही बसों में कारण इनकी संख्या लगातार घट रही है। हालांकि डिपो प्रबंधन की ओर से पिछले काफी समय से नई बसें शुरू कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक नई बस परिवहन बेड़े में शामिल नहीं हुई है। ऐसे में समस्या और ज्यादा बढ़ रही है।
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ग्रामीण रूटों पर सेवा न के बराबर :
यात्री सन्नी राणा ने कहा कि बसों की लगातार घट रही संख्या का प्रभाव लंबे रूटों पर तो पड़ा ही है, साथ में ग्रामीण क्षेत्र के लोकल रूट भी प्रभावित हुए हैं। गांवों में जाने वाली बसों की संख्या काफी कम है। कई स्थानों पर तो बस पूरे दिन में मात्र दो-तीन चक्कर ही लगाती है।
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बेड़े में शामिल की जाएं बस :
छात्र विनोद कुमार ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए जितना जल्द हो सके परिवहन बेड़े में नई बसें शामिल की जानी चाहिए। सुबह और शाम के समय बसों के चक्कर भी बढ़ाए जाएं ताकि शिक्षण संस्थानों में आने वाले विद्यार्थियों की परेशानी कम हो सके।
बॉक्स : उच्चाधिकारियों को कराया अवगत
रोडवेज महाप्रबंधक रामकुमार ने बताया कि कैथल डिपो में बसों की कमी के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। डिपो प्रबंधन की ओर से जल्द से जल्द समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।