बाढ़ बचाव प्रबंधों में न बरती जाए कोई लापरवाही : डीसी
-???? ?? ?????? ?????????? ?? ??? ?? ???????? ?? ?????? डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने सिचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में बाढ़ बचाव प्रबंधों के तहत किए जा रहे सभी कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें।
जागरण संवाददाता, कैथल : डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने सिचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में बाढ़ बचाव प्रबंधों के तहत किए जा रहे सभी कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। यह भी ध्यान रखें कि सभी कार्य निर्धारित अवधि तक संपन्न हो। विभाग की तरफ से जल निकासी में प्रयोग किए जाने वाले सभी पंप सेटों को भी ठीक रखें।
डीसी बृहस्पतिवार को विभिन्न स्थानों पर सिचाई विभाग की तरफ से बाढ़ बचाव के कार्यो को लेकर समीक्षा कर रही थी। उन्होंने सबसे पहले सिचाई विभाग की कार्यशाला में रखे डीजल और इलेक्ट्रिक पंप सेटों का अवलोकन किया। अधीक्षक अभियंता रवि शंकर मित्तल को निर्देश दिए कि वे सभी क्षतिग्रस्त पंप सेटों की मरम्मत करवाएं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने स्टोर में रखे 70 डीजल पंप सेटों, 35 इलेक्ट्रिक पंप सेटों का अवलोकन किया। जिला में 44 स्थाई पंप सेट भी विभिन्न स्थलों पर स्थापित किए गए हैं। डीजल पंप सेटों की क्षमता दो क्यूसिक होती है, जबकि इलेक्ट्रिक पंप सेटों की क्षमता इससे अधिक होती है।
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डीसी ने इसके उपरांत खरक पांडवा गांव में लगभग 1200 एकड़ भूमि में वर्षा के जलभराव के समाधान के लिए डाली जा रही पाइप लाइन का निरीक्षण किया। यह पाइप लाइन लगभग एक किलोमीटर लंबी है। इस पर लगभग 84 लाख रुपये की धनराशि खर्च होगी। उन्होंने मौके पर दबाए गए सीमेंट के पाइपों का अवलोकन किया। इन पाइपों पर आइएसआइ के निशान को भी देखा और कहा कि इस कार्य में गुणवत्ता व अन्य तकनीकी पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने इस पाइप लाइन में प्रस्तावित 12 होदियों के निर्माण के संदर्भ में भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
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डीसी ने माघो माजरी लिक ड्रेन पर सिचाई विभाग की तरफ से लगभग साढ़े 9 लाख रुपये की लागत से बनाए जा रहे पुल का निरीक्षण किया। ग्रामीणों की मांग पर इस पुल की ऊंचाई को यथासंभव बढ़ाने का आश्वासन दिया।
उन्होंने सिचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि इस माइनर के जल के बहाव में पुल की वजह से कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पुल के निर्माण में प्रयोग की जा रही निर्माण सामग्री को भी जांचा।