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इनेलो नेता रामपाल माजरा के भाजपा में जाने की वाट्सएप ग्रुपों में चलती रही चर्चाएं

इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा के भाजपा में जाने की सूचनाएं वाट्सएप ग्रुपों में दिनभर चलती रहे इसे लेकर शहर में चर्चाएं रही। लोग चर्चा करते दिखे की यह सच्चाई है या अफवाएं फैलाई जा रही हैं हालांकि इसकी पुष्टि के लिए संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाइल नंबर स्विच ऑफ मिला।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 10:52 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 06:35 AM (IST)
इनेलो नेता रामपाल माजरा के भाजपा में जाने  की वाट्सएप ग्रुपों में चलती रही चर्चाएं
इनेलो नेता रामपाल माजरा के भाजपा में जाने की वाट्सएप ग्रुपों में चलती रही चर्चाएं

जागरण संवाददाता, कैथल :

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इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा के भाजपा में जाने की सूचनाएं वाट्सएप ग्रुपों में दिनभर चलती रहे, इसे लेकर शहर में चर्चाएं रही। लोग चर्चा करते दिखे की यह सच्चाई है या अफवाएं फैलाई जा रही हैं, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाइल नंबर स्विच ऑफ मिला।

चर्चा हैं कि मंगलवार रात को इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा व पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की है। तभी से चर्चाओं का बाजार गर्म है। अगर रामपाल माजरा इनेलो को छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं तो बड़ा झटका इनेलो पार्टी को लगेगा। क्योंकि माजरा पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के सबसे करीबी हैं और इन दिनों कैथल जिले में एक तरह से पार्टी की कमान संभाले हुए हैं।

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कलायत हलके से भाजपा की टिकट के दावेदारों की बढ़ी चिता

वहीं दूसरी तरफ माजरा के भाजपा में शामिल होने की इन चर्चाओं के चलते कलायत हलके से इस विस चुनाव में भाजपा की टिकट पर दावेदारों की चिता भी बढ़ गई है। कलायत विधानसभा चुनाव में जयप्रकाश ने आजाद चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की थी। रामपाल माजरा दूसरे नंबर पर रहे थे। यह हलका इनेलो का गढ रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कलायत हलके से करीब 36 हजार वोटों से बढ़त हासिल की है। यह पहला चुनाव है जब भाजपा ने इस हलके से जीत हासिल की है।

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पांच विस में से तीन चुनाव जीते, दो हारे

इनेलो नेता रामपाल माजरा ने अब तक पांच विधानसभा चुनाव लड़े हैं। इनमें 1996 में हलका पाई से पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद 2000 में फिर से इसी हलके से चुनाव लड़े और जीते। यह चुनाव जीतने के बाद इनेलो सरकार में सीपीएस के पद पर भी रहे। 2005 में पाई हलके से चुनाव हार गए थे। 2009 में पाई हलका टूटने के बाद कलायत से पहली बार चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2014 में फिर से इस हलके से चुनाव लड़े, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इनेलो युवा कार्यकारिणी के प्रदेशाध्यक्ष के पद भी रहते हुए पार्टी के लिए काम किया। किसानों के हकों के लिए कई यात्राएं भी निकाली।


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