डीजीपी ने कैथल पुलिस प्रशासन को दिए कार्रवाई के निर्देश
संवाद सहयोगी, कलायत : ¨पजुपुरा गांव में दबंगों की ओर से दलित वर्ग पर मंदिर में प्रवेश करने
संवाद सहयोगी, कलायत : ¨पजुपुरा गांव में दबंगों की ओर से दलित वर्ग पर मंदिर में प्रवेश करने के प्रतिबंध का मामला गहरा गया है। पीड़ित पक्ष ने घटनाक्रम की शिकायत राष्ट्रपति, पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय चीफ जस्टिस, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और न्याय के लिए कुछ अन्य स्थानों पर गुहार लगाई।
शिकायतकर्ता हरपाल ¨सह का आरोप है कि 20 जून को उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाने, जान से मारने की धमकी देने, एससीएसटी मामले के आरोपियों को गैर कानूनी रूप से आरोपियों को सुरक्षा प्रदान करने, पुलिस सुरक्षा के नाम पर स्वयं को मानवाधिकार संस्था अध्यक्ष बताकर ग्रामीणों को डराने-धमकाने वालों के विरुद्ध शिकायत दी थी। पुलिस प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया। पीड़ित पक्ष का कहना है कि न्याय की फरियाद पुलिस महानिदेशक से भी लगाई गई थी। इस पर राष्ट्रीय मानव आयोग के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जिला पुलिस प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए है। डीएसपी सतीश गौतम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने पीड़ित पक्ष के पहलु को तह तक जानने के लिए जिला मुख्यालय पर जांच कार्रवाई में शामिल होने को कहा है।
दलित वर्ग के लोगों का कहना है कि 17 अप्रैल को नामांकित आरोपियों ने सुबह करीब 10 बजे संत रविदास परिसर में स्थित डॉ.भीमराव अंबेदकर की दीवार को ढहा दिया। लाठी, गंडासी, कसोला और दूसरे घातक हथियारों से लैस होकर आए आरोपियों ने कारसेवकों पर जानलेवा हमला किया। धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को सरेआम ठेस पहुंचाई गई। इस संदर्भ में जिन आरोपियों के खिलाफ एससीएसटी एक्ट व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज उन्हें सुरक्षा दी जा रही है। इससे आरोपियों के हौसले बुलंद है और उन्होंने मंदिर प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए दहशत का माहौल बना रखा है। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी आरोपियों को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही पीड़ित पक्ष के दर्द को पुलिस अधिकारियों ने समझा। इन परिस्थितियों में उनका जिला पुलिस प्रशासन से विश्वास उठ चुका है।
सोमवार को जांच में शामिल होंगे पीड़ित
एसएचओ ललित मोहन ने बताया कि मामले की जांच डीएसपी को सौंपी गई है। शिकायत अनुसार कार्रवाई अमल में लाने के लिए पीड़ित पक्ष को जिला मुख्यालय सोमवार को बुलाया गया है। पुलिस किसी भी तरह की ढिलाई नहीं करेगी।