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महामारी में जन्माष्टमी पर्व पर कम हुई श्रीकृष्ण और राधा की ड्रेस की डिमांड

बुधवार को मनाए जाने वाले जन्माष्टमी पर्व को लेकर शहर के मंदिरों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 06:49 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 06:49 AM (IST)
महामारी में जन्माष्टमी पर्व पर कम हुई श्रीकृष्ण और राधा की ड्रेस की डिमांड
महामारी में जन्माष्टमी पर्व पर कम हुई श्रीकृष्ण और राधा की ड्रेस की डिमांड

जागरण संवाददाता, कैथल : बुधवार को मनाए जाने वाले जन्माष्टमी पर्व को लेकर शहर के मंदिरों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कोरोना की महामारी के बीच जन्माष्टमी पर मंदिरों में पूजा करने की जिला प्रशासन की ओर से हिदायतें जारी की गई हैं ताकि महामारी से बचा जा सके। इसमें मास्क पहनने और दो गज की दूरी का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी है। पर्व पर मटकी फोड़ने के कार्यक्रम और झांकियां निकालने का कार्यक्रम भी आयोजित नहीं किया जाएगा। ऐसे में पर्व को लेकर बाजार में खरीदारी कम है। इस बार स्कूलों के बंद होने के कारण श्री कृष्ण और राधा रानी की ड्रेस की डिमांड भी घटी है। इस बार केवल छोटे बच्चों की ही ड्रेस को लोग खरीद रहे हैं।

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शोभा यात्रा भी नहीं निकलेगी :

इस बार कोरोना की महामारी के कारण जन्माष्टमी के पर्व पर जहां मटकी फोड़ने के कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा, वहीं किसी भी मंदिर प्रशासन की ओर से झांकियां नहीं निकाली जाएगी। ऐसा इसलिए किया जाएगा, ताकि शोभा यात्रा के दौरान लोगों की भीड़ एकत्रित न हो और इसके साथ ही मंदिर में भी दो गज की दूरी का ख्याल रखा जा सके।

ड्रेस की घटी डिमांड :

रेडिमेड कपड़ों के दुकानदार साहिल आनंद ने बताया कि इस बार पर्व पर महामारी के कारण सभी स्कूल बंद है। जिस कारण स्कूलों में कार्यक्रम भी आयोजित नहीं हो पाएगा। कार्यक्रम के आयोजन पर ही स्कूलों के विद्यार्थी श्री कृष्णा और राधा रानी की ड्रेस खरीदते थे। परंतु इस बार आयोजन न होने पर ड्रेस की बिक्री नाम मात्र है। ऐसे में इस बार ड्रेस की डिमांड काफी घटी है।

श्रीमद् भागवत गीता जीवन का दर्शन

साहित्यकार श्याम सुंदर गौड़ ने बताया कि श्रीमद् भागवत गीता श्री कृष्ण भगवान द्वारा रचित है। यह जीवन का दर्शन है इसके पाठन मात्र से पाठक का मन की शांति मिलती है। अर्जुन का मोह गीता के माध्यम से ही दूर गया। अर्जुन का परम गुरु बन अपनी कूटनीति से ही महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण ने पांडवों को विजय दिलवाई थी। श्री कृष्ण को वासुदेव, राधा रमण, गोपी वल्लभ, कुंज बिहारी, बांके बिहारी, मधुसूदन, कृष्ण मुरारी, गोवर्धन दुख भंजन हारी सहित 1008 नाम से पुकारा जाता है। उनके मंदिर में श्रद्धालु भारत में नहीं, ब्लकि विदेशों से भी आते हैं। गौड़ ने कहा कि जन्माष्टमी पूजा-अर्चना के दौरान मास्क और दो गज की दूरी का पालना जरूर करें।


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