किसान कॉमन हायरिग सेंटर की मशीनों से करें फसल अवशेष प्रबंधन : डीसी
डीसी सुजान सिंह ने बताया कि जिला में धान की कटाई जोरों से चल रही है। किसान धान की कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबंधन करके बेलरों के माध्यम से अपनी आय के साधन को बढ़ा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल: डीसी सुजान सिंह ने बताया कि जिला में धान की कटाई जोरों से चल रही है। किसान धान की कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबंधन करके बेलरों के माध्यम से अपनी आय के साधन को बढ़ा रहे हैं। सरकार द्वारा अनुदान पर कॉमन हायरिग सेंटरों व व्यक्तिगत मशीनें उपलब्ध करवाई गई, जिसके माध्यम से किसान आसानी से फसल अवशेष प्रबंधन का कार्य कर सकता है। जीरो बर्निंग वाली पंचायतों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। डीसी ने बताया कि पंचायतों व स्वयं सहायता की महिला ग्रुप को भी मशीनें उपलब्ध करवाई गई है। फसल अवशेष प्रबंधन करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेवारी बनती है। ऐसा करके पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ हम अपनी आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण व प्राकृतिक संसाधन दे सकते हैं। ग्राम सभाओं के माध्यम से किसानों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा रहा है। फाने जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं अनेक प्रकार की बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है तथा साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो जाती है। जिला की रेड जोन वाली पंचायतें जहां पिछले सीजन फानों में आग लगाने की घटनाएं हुई थी, उन सभी संबंधित पंचायतों में से जो पंचायतें इस बार जीरो बर्निंग यानि फानों में आग नहीं लगाने की दिशा में अच्छा कार्य करेंगी, उन सभी को सम्मानित किया जाएगा। प्रथम स्थान पर ग्राम पंचायत को 10 लाख, द्वितीय स्थान पर रहने वाली ग्राम पंचायत को 5 लाख तथा तीसरे स्थान वाली ग्राम पंचायत को 3 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों में आग लगाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। किसान धान अवशेष जलाते हुए पाया जाता है तो उस पर दो एकड़ तक 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये व पांच एकड़ से अधिक पर 15 हजार रुपये प्रति घटना जुर्माना या फिर उसके खिलाफ एफआइआर करवाई जा रही है।