फाने नहीं जलाने व पराली प्रबंधन के प्रचार वाहन को डीसी प्रदीप दहिया ने दिखाई हरी झंडी
डीसी प्रदीप दहिया ने फाने नहीं जलाने व पराली प्रबंधन के प्रचार-वाहन को लघु सचिवालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कैथल (वि) : डीसी प्रदीप दहिया ने फाने नहीं जलाने व पराली प्रबंधन के प्रचार-वाहन को लघु सचिवालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बता दें कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन तैयार किया गया है, जो गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करेगा। डीसी ने कहा कि धान की कटाई जोरों पर चल रही है, ऐसे में अक्टूबर व नवंबर के महीने में किसान फाने नहीं जलाने व पराली प्रबंधन के प्रति जागरूक रहें, इसलिए प्रचार-वाहन के माध्यम से उन्हें जागरूक किया जाएगा। हरियाणा सरकार द्वारा पराली नहीं जलाने पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है और कई कंपनियों द्वारा पराली को अच्छे दामों पर खरीदा जा रहा है, जिससे किसानों को दोहरा लाभ हो रहा है। ऐसे में किसानों से अपील की जाती है कि वे पराली नहीं जलाएं, उसका उचित प्रबंधन करें। पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति तो कम होती ही है, साथ ही पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ता है, जिससे कई बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है।
एक्स सीटू व इन सीटू तकनीक से करें पराली का प्रबंधन
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि किसान एक्स सीटू व इन सीटू तकनीक से पराली का प्रबंधन कर सकते हैं। इन तकनीकों पर कार्य करने वाले किसानों को सरकार द्वारा अनुदान पर कृषि यंत्र भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। कस्टम हायरिग सेंटर की मदद से भी पराली प्रबंधन किया जा सकता है। जिला में 586 कस्टम हायरिग सेंटर कार्य कर रहे हैं, जिनमें छह हजार से भी अधिक मशीनें लगाई गई हैं। मशीनों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई गई है। इस विकल्प के तहत प्रशासन की पांच लाख 19 हजार 200 टन फसल अवशेष के प्रबंधन की योजना है।