ई लाइब्रेरी के माध्यम से देखी और पढ़ी जा सकेंगी पुस्तकें : डीसी
पिहोवा चौक पर स्थित स्वामी विवेकानंद जिला पुस्तकालय का सोमवार को डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान डीसी ने यहां पर आने वाले विद्यार्थियों से उन्हें दी जा रही सुविधा पर फीडबैक ली। उन्होंने कहा कि जिला पुस्तकालय में आम जन विशेषकर बच्चों को पढ़ने के लिए संसाधनों के साथ एक अच्छा वातावरण दिया जा रहा है
जागरण संवाददाता, कैथल :
पिहोवा चौक पर स्थित स्वामी विवेकानंद जिला पुस्तकालय का सोमवार को डीसी डॉ. प्रियंका सोनी ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान डीसी ने यहां पर आने वाले विद्यार्थियों से उन्हें दी जा रही सुविधा पर फीडबैक ली। उन्होंने कहा कि जिला पुस्तकालय में आम जन विशेषकर बच्चों को पढ़ने के लिए संसाधनों के साथ एक अच्छा वातावरण दिया जा रहा है, ताकि इस स्थान पर बैठकर वे विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं की तैयारियां कर सकें।
डीसी ने बताया कि जल्द ही इस लाइब्रेरी में ई-लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत इस लाइब्रेरी पर 40 लाख रुपये की राशि खर्च की जा रही है, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो गया है और कुछ कार्य बाकी है, जिसकी प्रकिया चल रही है। इसमें एक कम्प्यूटर कक्ष बनाया जाएगा। ई-लाइब्रेरी के माध्यम से सभी पुस्तकें कम्प्यूटर में देखी व पढ़ी जा सकेंगी।
लाइब्रेरी में विभिन्न विषयों की 17 हजार किताबें हैं। विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए किताबें रिफंडएबल सिक्योरिटी के साथ 14 दिन के लिए दी जाती है। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी में सीसीटीवी कैमरे, वातानुकूलित कमरे, नया फर्नीचर आदि की व्यवस्था की गई है, ताकि विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए किसी भी प्रकार की दिक्कत नही हो। डीसी ने इस मौके पर लाइब्रेरी में पढ़ रहे बच्चों से संवाद किया और उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
निरीक्षण के दौरान डीसी ने न्यूज पेपर रीडिग रूम, लड़कियों के लिए बनाए गए कक्ष, किताबों के रखने के रैक का अवलोकन किया। उन्होंने निर्देश दिए कि लाइब्रेरी में लड़कियों की बैठने की अलग व उचित व्यवस्था करें। इसके साथ-साथ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। पुस्तकों के रैक के आगे संबंधित विषय के बारे में पर्ची चस्पा करें, ताकि विद्यार्थियों को किताबें ढूंढने में दिक्कत नहीं हो।
इस मौके पर डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज प्राचार्य ऋषिपाल बेदी के अलावा लाइब्रेरी का स्टाफ मौजूद थे।