अव्यवस्था की भेंट चढी नंदीशाला
सरकारी नंदीशाला अब बेसहारा हो गई है। प्रधान व उपप्रधान पहले ही पद से इस्तीफा दे चुके हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। मामला प्रशासन के संज्ञान में है, लेकिन उसके बाद भी मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया जा रहा। एडीसी पार्थ गुप्ता की देखरेख में नंदीशाला का संचालन हो रहा है। एडीसी ने नगर परिषद अधिकारियों को आदेश देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। अब देखभाल करने व नंदीशाला की व्यवस्था में सुधार करने वाला कोई नहीं है।
जागरण संवाददाता, कैथल : सरकारी नंदीशाला अब बेसहारा हो गई है। प्रधान व उपप्रधान पहले ही पद से इस्तीफा दे चुके हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। मामला प्रशासन के संज्ञान में है, लेकिन उसके बाद भी मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया जा रहा। एडीसी पार्थ गुप्ता की देखरेख में नंदीशाला का संचालन हो रहा है। एडीसी ने नगर परिषद अधिकारियों को आदेश देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। अब देखभाल करने व नंदीशाला की व्यवस्था में सुधार करने वाला कोई नहीं है।
बरसात नहीं होने से कीचड़ सूखने लग गया है, लेकिन समस्या कम नहीं हुई है। कीचड़ के कारण पशुओं के बैठने की जगह नहीं बची है। रोजाना दो से दिन गायें मौत का शिकार हो रही है। लेबर खंड के कर्मचारी ही किसी तरह से पशुओं के चारे का इंतजाम कर रहे हैं।
अब नंदीशाला में लगे 15 कर्मचारियों के वेतन देने में परेशानी हो सकती है। एक साल से प्रधान ही कर्मचारियों का वेतन देते थे और उनसे काम करवाते थे। करीब 800 पशु नंदीशाला में रह रहे हैं, जिन पर रोजाना 30 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं।
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सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गाय नंदीशाला में बेसहारा गाय व सांड जरूरत से ज्यादा हैं। इसके बाद भी शहर की सड़कों पर भारी संख्या में बेसहारा पशु घूम रहे हैं। ढांड रोड, करनाल रोड, अंबाला रोड पर रात होते ही बेसहारा पशु सड़कों पर आकर बैठ जाते हैं। सड़कों पर अंधेरा होने के कारण पशु दिखाई ही नहीं देते। ऐसे में वाहन चालक पशुओं से टकराकर चोटिल हो रहे हैं। पशुओं को पकड़ने का अभियान नगर परिषद ने शुरू किया था। 40 पशुओं को पकड़ने के बाद उसे भी बंद कर दिया गया था।
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डीसी सुनीता वर्मा ने बताया कि जल्द ही अधिकारियों के साथ नंदीशाला का दौरा किया जाएगा। वहां जो भी अव्यवस्था होगी उसे प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा।