19 लीटर दूध देती हरभजन की शोभा
जागरण संवाददाता, कैथल : गाय और गोवंश संवर्द्धन की मुहिम को अमरगढ़ गामड़ी निवासी हरजभजन सा
जागरण संवाददाता, कैथल : गाय और गोवंश संवर्द्धन की मुहिम को अमरगढ़ गामड़ी निवासी हरजभजन सार्थक कर रहे हैं। तीन गायों का पालक हरभजन की एक गाय शोभा ने 19 लीटर दूध देकर जिले में रिकॉर्ड कायम किया है। पशुपालन विभाग ने इस रिकॉर्ड पर मुहर लगा दी है। शोभा हरियाणा नस्ल की गाय है। हालांकि हरभजन का दावा है कि उसकी शोभा प्रदेश में अपनी नस्ल में सबसे अधिक दूध देने वाली गाय है।
उनका कहना है कि अगर जिला पशुपालन विभाग उनकी गाय की तरफ ध्यान दे तो शोभा लाखों रुपये के पुरस्कार जीत सकती है। उन्होंने बताया कि वह शौकिया तौर पर ही गाय पालता था, लेकिन अब ये गायें उनके परिवार का खर्च भी उठाने लगी हैं। शोभा रोजाना बीस लीटर दूध देती, जिसकी आमदन से उसके परिवार का गुजारा भी हो रहा है।
उन्होंने बताया कि उनकी गाय को पशुपालन विभाग से पास करवाने के लिए उनको कड़ी मेहनत करनी पड़ी। विभाग ने कईं महीनों के चक्करों के बाद उसकी गाय को पास किया। गाय को पास करने वाले डाक्टरों की बातें सुनकर ही उनको एहसास हुआ कि यह कोई सामान्य गाय नहीं हैं। हरभजन का कहना है कि पास करने वाले डाक्टरों ने ही उनको इस गाय की खूबियों के बारे में बताया और कहा कि ऐसी गाय तो शायद पूरे प्रदेश में भी नहीं मिले।
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सूरजकुंड मेले में जाने को तैयार
शोभा के मालिक हरभजन का कहना है कि उनकी शोभा इसी महीने सूरजकुंड में लगने वाले मेले के लिए तैयार है। अगर शोभा को सूरजकुंड जाने को विभाग लैटर दे दे तो उनकी शोभा लाखों रूपये की पुरस्कार राशि जीत सकती है। लेकिन हरभजन ने बताया कि विभाग उनको सूरजकुंड जाने के लिए लेटर देने में टाल-मटोल कर रहा। जब विभाग के कार्यालय जाता हूं तो पंचकूला बात नहीं हुई बोलकर उनको वापस भेज देते हैं। जब वे पंचकूला बात करते हैं तो उनको जिला पशुपालन विभाग में संपर्क करने को कहा जाता है।
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2.60 लाख लग चुकी कीमत
हरभजन ने बताया कि जब से उनको हरियाणा नस्ल की गाय शोभा की खूबियों का पता चला है तो वह इसको बेचना नहीं चाहता है। गाय को बेचने के लिए चंदाना निवासी रघुबीर की तरफ से उसको 2.60 लाख रुपये का ऑफर भी मिल चुका है।
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निदेशालय से नहीं हो पाई बात
पशुपालन विभाग के एसडीओ डॉ.एनडी गोयल ने कहा कि हरभजन की गाय 19 लीटर दूध में पास हुई है। पशुपालक की गाय देसी नस्ल में अच्छा पशु है। गाय को आगे भेजने के लिए अभी तक निदेशालय बात नहीं हो पाई है। जैसे ही निदेशालय ये उनकी बात हो जाती है तो पशुपालक को सूचित कर दिया जाएगा। वह अगर अपने रिस्क पर सूरजकुंड जाना चाहता है तो जा सकता है।