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प्री फेब्रिकेटिड शौचालयों की देखरेख का ठेका खत्म

नगर परिषद की ओर से शहर में विभिन्न स्थानों पर प्री फेब्रिकेटिड शौचालय रखे गए हैं। शहर में 16 सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों की करीब 77 यूनिट रखी गई हैं। नगरपरिषद की ओर से एक महीने में इनकी देखरेख पर करीब एक लाख 20 हजार रुपये खर्च किए जा रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 09:34 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 09:34 AM (IST)
प्री फेब्रिकेटिड शौचालयों की देखरेख का ठेका खत्म
प्री फेब्रिकेटिड शौचालयों की देखरेख का ठेका खत्म

जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की ओर से शहर में विभिन्न स्थानों पर प्री फेब्रिकेटिड शौचालय रखे गए हैं। शहर में 16 सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों की करीब 77 यूनिट रखी गई हैं। नगरपरिषद की ओर से एक महीने में इनकी देखरेख पर करीब एक लाख 20 हजार रुपये खर्च किए जा रहे थे। तीन दिन पहले ही ठेका खत्म हो गया है। अब आचार संहिता लगी हुई है और करीब दो महीने तक नया ठेका भी नहीं दिया जा सकेगा। अब बिना देखरेख के ये शौचालय कंडम हो जाएंगे इन शौचालयों को रखते समय करीब 60 लाख रुपये खर्च हुए थे।

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शौचालयों में मुख्य समस्या पानी की है जो अब नहीं भरा जा सकेगा। नप के लिए रोजाना शौचालयों में पानी भरना व साफ-सफाई करना संभव नहीं है। हालांकि नप की ओर से दावा किया जा रहा है कि वे शौचालयों की अपने स्तर पर देखरेख करेंगे। इसके अलावा करीब 50 स्थानों पर पब्लिक शौचालय बनाए हुए हैं और चार मोबाइल शौचालय रखे गए हैं। चार में से एक शौचालय कंडम हो चुका है और तीन भी खस्ता हाल में है।

करीब 60 लाख रुपये किए गए थे खर्च

शहर में करीब 60 लाख रुपये की लागत से प्री-फेब्रिकेटिड शौचालय रखे गए थे। एक स्थान पर दो यूनिट से लेकर पांच यूनिट तक शौचालय रखे गए हैं। एक यूनिट की कीमत करीब 70 हजार रुपये थी। शहर को शौच मुक्त बनाने के लिए प्री-फेब्रिकेटिड शौचालयों की यूनिट रखी थी। ये शौचालय करनाल रोड, ढांड रोड, अंबाला रोड, चंदाना गेट, अमरगढ़ गामड़ी, सब्जी मंडी, पुराना बाइपास, बस स्टैंड, शक्ति नगर, हरि नगर, हुडा के पार्क व अन्य स्थानों पर रखे गए हैं। नप करेगी शौचालयों की देखरेख

नगर परिषद के मुख्य सफाई निरीक्षक मोहन भारद्वाज ने बताया कि प्री फेब्रिकेटिड शौचालय की देखरेख का ठेका खत्म हो गया है। आचार संहिता के कारण नया ठेका नहीं दिया जा सकता है। आचार संहिता खत्म होने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। नया ठेका दिए जाने तक नप की ओर से शौचालयों की देखरेख की जाएगी।


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