Move to Jagran APP

स्कूल बचाओ अभियान के तहत विभिन्न गांवों से आए लोगों ने शहर में किया विरोध प्रदर्शन

प्रदेश में सरकारी स्कूलों के अस्तित्व को बचाने के लिए स्कूल बचाओ अभियान ने संघर्ष की कमान संभाल ली है। वीरवार को कलायत उप मंडल मुख्यालय पर स्कूल बचाओ अभियान के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन किया गया। शहर भर में विरोध प्रदर्शन करने के बाद स्कूल बचाओ कमेटी ने मुख्यमंत्री के नाम कलायत एसडीएम कार्यालय के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 06:11 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 06:11 PM (IST)
स्कूल बचाओ अभियान के तहत विभिन्न गांवों से आए लोगों ने शहर में किया विरोध प्रदर्शन
स्कूल बचाओ अभियान के तहत विभिन्न गांवों से आए लोगों ने शहर में किया विरोध प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, कलायत: प्रदेश में सरकारी स्कूलों के अस्तित्व को बचाने के लिए स्कूल बचाओ अभियान ने संघर्ष की कमान संभाल ली है। वीरवार को कलायत उप मंडल मुख्यालय पर स्कूल बचाओ अभियान के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन किया गया। शहर भर में विरोध प्रदर्शन करने के बाद स्कूल बचाओ कमेटी ने मुख्यमंत्री के नाम कलायत एसडीएम कार्यालय के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सुरक्षा की ²ष्टि से स्वयं थाना प्रभारी बलदेव सिंह मलिक पुलिस टीम के साथ मुस्तैद रहे।

loksabha election banner

प्रदर्शनकारी युवाओं ने कहा कि प्रदेश में 105 स्कूलों को बंद करने, शिक्षकों का तबादला और चिराग योजना जैसी शिक्षा-विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष की बिगुल फूंका गया है। इस विरोध प्रदर्शन में कलायत, रामगढ़ पांडवा, चौशाला, बालू व खरक पाडवां के लोग शामिल हुए। गांव चौशाला से प्रवीन ने बताया कि हरियाणा सरकार नई शिक्षा नीति के नाम पर सरकारी स्कूलों के ढांचे को पूरी तरह ढहाने की योजना बना रही है। सरकार एक तरफ तो शिक्षकों के तबादले की नीति अपनाकर तमाम गांव के स्कूलों से गणित, विज्ञान और भाषा के शिक्षकों के पदों को खत्म कर रही है। दूसरी तरफ छात्रों की संख्या के आधार पर 105 मिडिल और तीन हाई स्कूल बंद किए जा रहे हैं। प्रदर्शन में प्रवीण चौशाला, जस्सी कलायत, रोहतास, महेंद्र राणा, राजबीर, प्रदीप, सतपाल बेदी, अनिल, रिकूं, धर्मवीर, गुरुदेव, सुनील और अन्य युवा शामिल रहे। शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की जरूरत

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हरियाणा राज्य के सरकारी स्कूलों में लगभग 34,000 पद खाली हैं। इन्हें भरने का कदम सरकार द्वारा उठाया जाना चाहिए था। कलायत के जस्सी राणा ने कहा कि सरकार कभी चिराग योजना के नाम पर सरकारी स्कूलों के बच्चों के दाखिले प्राइवेट स्कूलों में करवाना चाहती है तो कभी कोई दूसरी चाल चली जाती है। इसका तात्पर्य यही है कि सरकार द्वारा शिक्षा के निजीकरण की योजना बुनी जा रही है। संस्कृति माडल स्कूलों के नाम पर सरकारी स्कूलों में फीस के जरिए पैसा बटोरना गलत है। यदि सरकारी स्कूलों को बंद करने का प्रयास किया तो सबको इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.