अब बीएलओ भी करेंगे फैमिली आइडी के सर्वे
राजकीय स्कूलों में कार्यरत बीएलओ बने शिक्षक वोट बनाने के साथ अब सरकार की ओर से बनाई गई फैमिली आइडी में शामिल सदस्यों की पहचान करेंगे।
जागरण संवाददाता, कैथल :
राजकीय स्कूलों में कार्यरत बीएलओ बने शिक्षक वोट बनाने के साथ अब सरकार की ओर से बनाई गई फैमिली आइडी में शामिल सदस्यों की पहचान करेंगे। यदि फैमिली आइडी में शामिल कोई सदस्य अपने घर के सदस्यों के साथ नहीं रह रहा है तो उसका नाम काट दिया जाएगा। सरकार ने यह फैसला कोविड-19 बीमारी के बढ़ रहे केसों को देखते हुए लिया है। ऐसा करने से बाहर गए हुए व्यक्तियों की पहचान भी तुरंत हो पाएगी। यह कार्य शिक्षकों की ओर से शुरू भी कर दिया गया है।
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बाहर रहने वाले लोगों की मिलेगी जानकारी :
शिक्षकों की ओर से शुरू किए गए फैमिली आइडी के सर्वे के तहत कोविड-19 की महामारी के दौरान परिवार के सदस्यों की पूरी जानकारी मिलेगी। इस बीमारी के बीच कई लोग फैमिली आइडी में तो शामिल है, लेकिन वह अपने परिवार के साथ न रह, दूसरे शहर में रह रहे हैं। जो लोग बाहर से आ रहे हैं, यह सर्वे उन लोगों की जानकारी जुटाने में काफी कारगर साबित होगा।
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एक लाख 76 हजार परिवारों
का किया जाएगा सर्वे
इस सर्वे के दौरान जिले के एक लाख 76 हजार परिवारों का सर्वे किया जाएगा। इसमें चार विधानसभाओं में पांच नगर परिषद और नगर पालिका व 272 गांवों में रहने वाले परिवार के सदस्यों की जानकारी ली जाएगी।
वर्जन : बीएलओ को सर्वे करने के आदेश किए गए जारी
नोडल अधिकारी कार्यकारी जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बताया कि डीसी कार्यालय की ओर से बीएलओ को सर्वे करने के आदेश जारी किए गए है। इसके तहत शिक्षकों ने सर्वे भी शुरू कर दिया है। कोरोना की महामारी को लेकर सरकार के आदेशों के तहत यह सर्वे शुरू किया गया है।