सरपंच के प्रमाणपत्र की जांच से संतुष्ट नहींशिकायतकर्ता
टयौंठा गांव के सरपंच जोगा सिंह के चुनाव में लगाए गए 10वीं कक्षा के प्रमाणपत्र की जांच पर शिकायतकर्ता ने फिर सवाल उठाए हैं। शिकायतकर्ता गांव के ही प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रमाणपत्र असली है या फर्जी इसकी जांच पंचायत विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप रखी है।
जागरण संवाददाता, कैथल : टयौंठा गांव के सरपंच जोगा सिंह के चुनाव में लगाए गए 10वीं कक्षा के प्रमाणपत्र की जांच पर शिकायतकर्ता ने फिर सवाल उठाए हैं। शिकायतकर्ता गांव के ही प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रमाणपत्र असली है या फर्जी इसकी जांच पंचायत विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप रखी है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक कर्मचारी को जांच के लिए उत्तर प्रदेश भेजा गया है। हैरान करने वाली बात है कि जो कर्मचारी गया है, वह बार बार फोन कर कभी उनसे कोई डॉक्यूमेंट तो कभी कोई जानकारी प्राप्त कर रहा है। कर्मचारी उनको बार-बार फोन कर परेशान कर रहा है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि जिस कर्मचारी को जांच के लिए भेजा है उसके पास पूरी जानकारी तक नहीं है। अगर जानकारी ही नहीं होगी तो कर्मचारी जांच कैसी करेगा और कैसी रिपोर्ट पेश करेगा।
उन्होंने कहा कि वे डीसी से भी इसकी शिकायत करने के लिए गया था और जिला शिक्षा अधिकारी से भी, लेकिन दोनों ही नहीं मिले। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से उन्हें आश्वस्त किया गया कि सोमवार तक जांच कर रिपोर्ट बीडीपीओ पूंडरी को सौंप दी जाएगी।
यह है मामला
- टयौंठा गांव के सरपंच पर उसी के गांव के प्रदीप कुमार ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर 2016 में पंचायती चुनाव लड़ने और सरपंच बनने के आरोप लगाए हैं। वे पिछले करीब दो साल से प्रमाण पत्रों के बारे में जानकारी जुटाने में लगे थे। उन्होंने आरटीआइ और सीएम विडो लगाकर इतनी जानकारी इकट्ठा कर ली है कि अब उन्हें यकीन हो गया है कि सरपंच को कोई भी नहीं बचा सकता है। प्रदीप कुमार का कहना है कि फर्जी प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ने वाले को पद से हटाने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाए, ताकि आगे से कोई ऐसा न करे।
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