शीतलहर ने बढ़ाई ठिठुरन, घरों में दुबके लोग, अलाव बना सहारा
पिछले तीन दिन से चल रही शीतलहर ने ठंड का प्रकोप पहले से ज्यादा बढ़ा दिया है। बढ़ती ठंड से जन जीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम में आए बदलाव के कारण शाम को सूरज ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगा है। ठंड से निजात पाने के लिए दुकानदार सुबह और शाम के समय अलाव का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं। वहीं सर्दी के कारण बाजारों में भी सन्नाटा है। दुकानदार ग्राहकों के आने का दिनभर इंतजार करते रहते हैं, लेकिन ठंड के कारण लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल :
पिछले तीन दिन से चल रही शीतलहर ने ठंड का प्रकोप पहले से ज्यादा बढ़ा दिया है। बढ़ती ठंड से जन जीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम में आए बदलाव के कारण शाम को सूरज ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगा है। ठंड से निजात पाने के लिए दुकानदार सुबह और शाम के समय अलाव का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं। वहीं सर्दी के कारण बाजारों में भी सन्नाटा है। दुकानदार ग्राहकों के आने का दिनभर इंतजार करते रहते हैं, लेकिन ठंड के कारण लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। ग्राहकों के न आने से व्यापार प्रभावित हो रहा है। हालांकि दिन में थोड़े समय धूप निकले से लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिल रही है, लेकिन शाम होते ही ठिठुरन फिर से बढ़ जाती है। मंगलवार को दिनभर आसमान में बादल बनी रही। दोपहर को तीन बजे से पहले कुछ समय के लिए धूप निकली, लेकिन इसके बाद आसमान बादलों से ढक गया।
चार डिग्री सेल्सियस हुआ न्यूनतम तापमान :
ठंड और शीतलहर के चलते मंगलवार को जिले का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, शाम को 16 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवा में करीब 41 प्रतिशत तक नमी दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले सप्ताह तक मौसम इसी तरह रहेगा। ठंड बढ़ने के बाद लोग सुबह व शाम के समय अलाव सेकते दिखाई दिए। दोपहर के समय कुछ समय के लिए सूर्यदेव के दर्शन हुए। भीषण ठंड के कारण शाम पांच बजे के बाद बाजारों में भी ग्राहक कम ही नजर आ रहे हैं। छह बजे के बाद शहर की कई मार्केट के दुकानदार घर को निकल जाते हैं। ठंड के कारण गर्म खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ गई है।
ज्यादा ठंड सरसों, दलहन व सब्जियों को नुकसान
कृषि महाविद्यालय कौल के ¨प्रसिपल एवं मौसम वैज्ञानिक डॉ. रमेश वर्मा ने बताया कि शीत लहर एवं ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है। सरसों, दलहन और सब्जियों की फसल को ज्यादा ठंड में नुकसान हो सकता है। किसानों को चाहिए कि वे इन फसलों को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक प्रबंध करें। 20 जनवरी के बाद मौसम करवट ले सकता है। 21 व 22 जनवरी को बरसात होने की संभावना है।