बरसात से बढ़ी ठंड, रैनबसेरों पर लटके हैं ताले
जागरण संवाददाता कैथल रविवार को हुई बरसात के कारण मौसम में परिवर्तन हो गया है। सुबह
जागरण संवाददाता, कैथल : रविवार को हुई बरसात के कारण मौसम में परिवर्तन हो गया है। सुबह-शाम अब ठंड होने लगी है। जिला प्रशासन की ओर से सिरटा रोड पर 75 लाख रुपये की लागत से आधुनिक रैन बसेरा बनाया हुआ है। उसके पास ही वाल्मीकि सामुदायिक केंद्र में वैकल्पिक रैन बसेरा भी बनाया हुआ है। इन दोनों स्थानों पर फिलहाल ताला लटका हुआ है। सर्दी का मौसम भी शुरू हो चुका है, लेकिन रैन बसेरों पर ताले लटके हुए हैं। बेसहारा लोग और बाहर से आने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। फिलहाल नगर परिषद की ओर से इन्हें खोलने को लेकर कोई योजना तैयार नहीं की गई है। दोनों की रैन बसेरे बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से दूर है, जिस कारण यहां आने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। बस स्टैंड से करीब चार और रेलवे स्टेशन से करीब दो किलोमीटर की दूरी होने के कारण यहां राहगीर ठहरने के लिए नहीं पहुंच पाते। जिले का पहला फेब्रिकेटिड रैनबसेरा
वाल्मीकि कम्यूनिटी सेंटर के पास आधुनिक तरीके से फेब्रिकेटिड रैन बसेरा बनाया हुआ है। केंद्र सरकार की दीनदयाल बेसहारा आवास योजना के तहत इसका निर्माण किया गया था। सीएम मनोहर लाल ने 29 नवंबर 2018 को रोड शो से पहले रैन बसेरे का शिलान्यास किया था। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसका ढांचा लोहे और स्टील से तैयार किया गया है। दिल्ली से ढांचा तैयार हुआ था जो पूरी तरह से जंगरोधी है। करीब 60 राहगीर इसमें रह सकते हैं। रहने वालों के लिए रसोई, पीने के पानी, शौचालय, प्राथमिक उपचार, अलग-अलग कमरों, सोलर सिस्टम, गैस चूल्हा, पंखे, लाइट, दिव्यांगों के लिए ऊपर चढ़ने के रैंप की अलग से सुविधा की गई है।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि रैन बसेरे खोलने को लेकर उच्चाधिकारियों से बातचीत की जाएगी। अनुमति मिलते ही रैन बसेरे खोल दिए जाएंगे।