Move to Jagran APP

गुमनाम चिट्ठी पर नप पहुंची सीएम फ्लाइंग, रिकार्ड तलब किया

एक गुमनाम चिट्ठी में नगर परिषद पर लगाए गए संगीन आरोपों की जांच के लिए सीएम फ्लाइंग स्कवायड कैथल पहुंची। बेहद खुफिया तरीके से नप कार्यालय पहुंचे सीआइडी सब इंस्पेक्टर की जानकारी ईओ अशोक कुमार तक को नहीं थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:33 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 09:33 AM (IST)
गुमनाम चिट्ठी पर नप पहुंची सीएम फ्लाइंग, रिकार्ड तलब किया
गुमनाम चिट्ठी पर नप पहुंची सीएम फ्लाइंग, रिकार्ड तलब किया

जागरण संवाददाता, कैथल: एक गुमनाम चिट्ठी में नगर परिषद पर लगाए गए संगीन आरोपों की जांच के लिए सीएम फ्लाइंग स्कवायड कैथल पहुंची। बेहद खुफिया तरीके से नप कार्यालय पहुंचे सीआइडी सब इंस्पेक्टर की जानकारी ईओ अशोक कुमार तक को नहीं थी। चिट्ठी लिखने वाले ने सीआइडी को नगर परिषद अधिकारियों की कारगुजारियों की जांच करने की अपील की है। इसमें विकास कार्यों में गड़बड़ी के आरोप तो हैं ही, टेंडर प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। पिछले चार साल के टेंडरों, रिवाइज टेंडरों और बिलों की जांच करने की बात कही है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि शहर के कई वार्डों में काम पूरा होने को है और आज तक भी टेंडर जारी नहीं किए गए हैं। टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी सीआइडी रविद्र शर्मा ने इस जांच की पुष्टि की है।

prime article banner

बुधवार को नगर परिषद भवन में सीएम फ्लाइंग की टीम ने पहुंच रिकार्ड खंगाला और शिकायत से जुड़े रिकार्ड को तलब किया गया। दो दिन में यह रिकार्ड सीएम फ्लाइंग को उपलब्ध करवाया जाना है। इस दौरान टीम के सदस्यों ने शहर के विकास के लिए लगाए जाने वाले टेंडर प्रक्रिया के कागजों की भी जांच की। इस टीम में फ्लाइंग टीम के डीएसपी सहित अन्य चार सदस्य शामिल रहे। सभी सदस्यों ने परिसर के एक कार्यालय में करीब तीन घंटे मौजूद रहकर अधिकारियों से जानकारी जुटाई।

टेंडर प्रक्रिया में शुरू से झोल

जानकारी के अनुसार इस मामले में बिना नाम के टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत आई थी। इसी पर टीम ने जांच शुरू की है। बता दें कि पिछले करीब एक वर्ष में नगर परिषद में लगने वाले टेंडरों का कार्य सिरे नहीं चढ़ पाता है। जिसके चलते सीएम विडो में शहरवासी ने शिकायत भेजी थी। इसी शिकायत पर टीम ने परिसर में पहुंच टेंडर की प्रक्रिया पर जांच की। टीम ने टेंडरों को लेकर जहां कागजों की जानकारी जुटाई।

यहां उठते रहे सवाल

बता दें कि पिछले करीब एक साल से टेंडर प्रक्रिया रुकी है। कुछ टेंडर न खुलने के कारण रद कर दिए गए। जनवरी माह में 2.57 करोड़ के 34 टेंडर लगाए गए। लेकिन डायरेक्टर ऑफिस से आए पत्र के कारण एलईडी स्ट्रीट लाइट के 30 व चार अन्य टेंडर होल्ड कर दिए गए। उसके बाद दो टेंडर फरवरी को डंपिग यार्ड की दीवारों को ऊंचा करने व सेक्टर-19 में पेवर ब्लॉक की गली बनाने का टेंडर लगा था। जो खुलना बाकी हैं। इसके अलावा अन्य किसी भी कार्य का टेंडर नहीं लगा है। इसके अलावा टेंडर प्रक्रिया बाधित होने के कारण 10.50 करोड़ रुपये की सीएम ग्रांट समेत विकास कार्यों के 25 करोड़ रुपये के 200 टेंडर अटके हुए हैं। अब भी ये सभी टेंडर वेटिग में ही हैं।

ईओ बोले, नहीं पहुंची कोई टीम ईओ अशोक कुमार ने टीम के पहुंचने की जानकारी को बताया कि उनके कार्यालय में जांच को लेकर कोई टीम नहीं पहुंची है। उन्हें इस पर कोई जानकारी नहीं है। न ही टीम के पहुंचने को लेकर उन्हें कोई जानकारी अभी मिली है।

वर्जन :

शिकायत पर पहुंचे :

डीएसपी रविद्र शर्मा ने बताया कि हमें एक चिट्ठी मिली है। इसमें शहर में विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत भेजी गई है। जिसकी जांच को लेकर कैथल आए थे। इसके अलावा भी दो अन्य काम थे। जल्दी ही नगर परिषद के संदर्भ में जांच पूरी कर ली जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.