नोटिस मिलने पर जिला अस्पताल ने भरा 17 लाख का बिजली बिल
बिजली निगम का जिला नागरिक अस्पताल की तरफ तीन लाख रुपये का बिल बकाया था। लगातार दो दिनों तक बिजली निगम के एसडीओ अपनी टीम के साथ अस्पताल प्रशासन से बकाया बिल भरने के लिए मिले लेकिन इसे अनसुना कर दिया।
जागरण संवाददाता, कैथल :
बिजली निगम का जिला नागरिक अस्पताल की तरफ तीन लाख रुपये का बिल बकाया था। लगातार दो दिनों तक बिजली निगम के एसडीओ अपनी टीम के साथ अस्पताल प्रशासन से बकाया बिल भरने के लिए मिले, लेकिन इसे अनसुना कर दिया। मंगलवार को फिर से बिजली निगम की टीम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नोटिस देने के लिए पहुंची। इसके बाद हरकत में आए अधिकारियों ने कनेक्शन कटने के डर के चलते बाद दोपहर ऑनलाइन ट्रांसफर करते हुए बिल भर दिया। सिविल अस्पताल का एक माह का बिल करीब 6 लाख रुपये आता है। अब तीन माह का 17 लाख रुपये का बिल बकाया था। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बजट इस बार देरी से आया है, इस कारण बिल समय पर नहीं भरने में परेशानी हुई।
जींद रोड स्थित बिजली निगम की डिविजन नंबर दो के वाणिज्य सहायक राजिद्र सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल का तीन माह का 17 लाख रुपये बकाया था। मंगलवार शाम को इस बकाया राशि का भुगतान हो गया है। सिविल अस्पताल के चलते कनेक्शन नहीं काटा, अगर कोई और दूसरा विभाग होता तो कभी का कनेक्शन काट दिया होता।
बाक्स-200 बेडों का है जिला नागरिक अस्पताल
जिला नागरिक अस्पताल 200 बेडों का है। पहले अस्पताल शहर के बीचों-बीच स्थित था। वर्ष 2011 में सेक्टर 18 स्थित नए भवन में शिफ्ट हुआ। शुरूआत में 100 बेडों का था, दो साल पहले 100 बेड बढ़ाकर 200 बेडों का कर दिया गया। पुराने भवन में अब सिविल सर्जन कार्यालय व शहरी स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है।
इस साल नवंबर माह में ही 96 प्रतिशत अंक लेकर अस्पताल सरकार की नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस योजना से जुड़ा हुआ है। इस योजना से जुड़ने बाद विभाग को 20 लाख रुपये का कैश अवार्ड व प्रमाण पत्र मिला था। अस्पताल में रोजाना 1800 से 2000 की ओपीडी है। ऐसे में बिजली कनेक्शन कट जाता तो मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता।