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15 घंटे ड्यूटी कर रहे सिटी थाना प्रभारी प्रदीप कुमार

कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ की तरह पुलिस कर्मचारी और अधिकारी भी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार अपनी टीम के साथ पूरी लगन और मेहनत से काम करने में लगे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 09:36 AM (IST)
15 घंटे ड्यूटी कर रहे सिटी थाना प्रभारी प्रदीप कुमार
15 घंटे ड्यूटी कर रहे सिटी थाना प्रभारी प्रदीप कुमार

जागरण संवाददाता, कैथल:

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कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ की तरह पुलिस कर्मचारी और अधिकारी भी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार अपनी टीम के साथ पूरी लगन और मेहनत से काम करने में लगे हुए हैं। दूसरे थाना क्षेत्र की बजाए उनका काम इसलिए भी ज्यादा बढ़ गया है, क्योंकि संक्रमित बुजुर्ग और नौ साल का बच्चा सिरटा रोड निवासी हैं, जो सिटी थाना क्षेत्र में आता है।

एसएचओ प्रदीप कुमार से दैनिक जागरण के रिपोर्टर सोनू थुआ से बातचीत में बताया कि रोजाना 14 से 15 घंटे फिल्ड में काम करते हैं। थाना के सभी कर्मचारियों से बातचीत करते हुए उनका हौसला भी बढ़ते हैं। सीनियर अधिकारियों के आदेशानुसार नाका और पेट्रोलिग टीम को फल भी वितरित करते हैं। ड्यूटी के बाद घर लौटने पर कपड़े भी खुद मशीन पर धोते हैं। एसएचओ ने बताया कि पिछले 18 दिनों से रात को मुश्किल से चार से पांच घंटे ही सौ पाता हूं। सुबह पांच बजे उठकर एक घंटा योग करने के बाद थाने पहुंच जाता हूं। पेट्रोलिग और पुलिस नाका इंचार्जों से बातचीत कर पूरी रिपोर्ट ली जाती है।

समय मिलते ही मां से करता हूं बातचीत

एसएचओ बताते हैं कि सामान्य दिनों में वो चार दिनों के अंदर घर पर चले जाते थे। अब इन परिस्थिति में स्टेशन को छोड़ा नहीं जा सकता है। पिछले 18 दिनों से घर नहीं गया है। वहीं मेरा मां को पूरा ख्याल रहता है। माता जी दिन मे दो बार फोन कर रही है। इस पर मां को तसल्ली देता हैं कि वह बिल्कुल ठीक है मां को जिस वस्तु को आवश्यकता होती है।

लोगों से घरों में रहने की अपील

एसएचओ बताते हैं कि लॉकडाउन का पालन करते हुए लोग घरों में रहे। शहर और गांव में पेट्रोलिग करते हुए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। घर में रहकर ही हम इस बीमारी से बच सकते हैं। इसके बावजूद कोई नहीं मानता तो सख्ती भी दिखाई जाती है। गांव में लगाए जा रहे ठीकरी पहरे को लेकर भी पुलिस की टीम पंचायतों से रिपोर्ट ले रही है।


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