किसानों की जिद के आगे झुका प्रशासन एसआइटी का बदला जांच अधिकारी
अक्टूबर 2018 में शुगर मिल में सामने आए चिप घोटाले में प्रशासन किसानों के आगे नतमस्तक दिखा। एडीसी व डीएसपी किसानों को मनाने में नाकाम रहे। किसानों की सड़क जाम करने की चेतावनी रंग लाई और डीसी को अपना कामकाज छोड़ किसानों के बीच जाना पड़ा।
जागरण संवाददाता, कैथल : अक्टूबर 2018 में शुगर मिल में सामने आए चिप घोटाले में प्रशासन किसानों के आगे नतमस्तक दिखा। एडीसी व डीएसपी किसानों को मनाने में नाकाम रहे। किसानों की सड़क जाम करने की चेतावनी रंग लाई और डीसी को अपना कामकाज छोड़ किसानों के बीच जाना पड़ा। हालांकि सुबह पुलिस जाम लगाने पर किसानों से सख्ती से निपटने की बात कर रही थी, लेकिन हंगामे के बाद धरने पर पहुंचे डीसी ने किसानों की सभी मांगेंमान ली।
डीसी धर्मवीर ¨सह ने एसआइटी के जांच अधिकारी तरूण सैनी को बदलकर डीएसपी रामकुमार जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है। इसके साथ एसआइटी में भारतीय किसान संघ के प्रांतीय युवा प्रमुख गुलतान नैन व प्रदेश प्रवक्ता रणदीप आर्य को भी शामिल किया गया है। डीसी ने जांच कब पूरी होगी किसानों को इसका जवाब देते हुए दो महीने में चिप घोटाले की जांच पूरी कर दोषियों पर कार्रवाई करने व कांटा तोल में प्रति ट्रॉली की गई 21 ¨क्वटल 75 किलो की गड़बड़ी की जांच को एक सप्ताह में पूरी हो जाने की बात कही है।
धरना समाप्त हुआ है,आंदोलन नहीं
डीसी ने जब क्रमिक अनशन पर बैठे गुलतान नैन को जूस पिलाकर धरना समाप्त करवाया तो किसानों ने कहा कि प्रशासन धरना समाप्ति के बाद शांति से ना बैठे। अभी धरना समाप्त हुआ है आंदोलन नहीं। अगर प्रशासन आश्वासन पर खरा नहीं उतरा तो वे फिर कड़ा रुख अख्तियार करने को मजबूर होंगे।
मिल निदेशकों ने पकड़ी 500 ¨क्वटल खोई की गड़बड़ी
युवा प्रांत प्रमुख गुलतान नैन ने कहा कि चिप घोटाला छोटा मोटा घोटाला नहीं है, यह करोड़ों का घोटाला है। जांच में शामिल नहीं होने के बावजूद मिल के निदेशकों ने जब अपने स्तर पर जांच की तो 500 ¨क्वटल खोई की गड़बड़ी पाई गई, जिसकी कीमत करीब 80 हजार है। जबकि जिस कांटे में चिप लगी थी उस पर हर साल करोड़ों का सामान तोला जाता है। उन्होंने कहा कि अगर एसआइटी गहराई से जांच करेगी तो चोर भी पकड़े जाएंगे और चोरी भी।
अब सेल मैनेजर व एक
अन्य भी होंगे सस्पेंड
गुलतान नैन ने कहा कि एमडी का तबादला पहले ही हो चुका है जो कि पूरे घोटाले को करवाने और दबाने में अहम भूमिका निभा रहा था। उन्हें जो आश्वासन मिला है उसके अनुसार एक दो दिन में सेल मैनेजर व एक अन्य को भी सस्पेंड कर दिया जाएगा। ये दर्शाता है कि घोटाला बड़ा है और किसान इसकी तह तक जाना चाहते हैं।
प्रांत अध्यक्ष ने थपथपाई
किसानों की पीठ
सुबह किसान महापंचायत में भारतीय किसान संघ के प्रांत के अध्यक्ष ओम ¨सह चौहान ने जिला कार्यकारिणी और गन्ना किसानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि ये उनका संघर्ष है जो आज प्रशासन झुकने को मजबूर है। अब जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जाती है आंदोलन को ऐसे ही जारी रखा जाएगा। धरने पर भाकियू के राष्ट्रीय सलाहकार अजीत ¨सह हाबड़ी, जिला पार्षद संदीप कोटड़ा, भाकिसं के जिलाध्यक्ष सतीश ग्योंग, पाला राम क्योड़क, श्रीराम मोहना, दयाल मलिक, ,महेंद्र पाल, संदीप गोपेरा, शीशपाल खुराना, जगदीश खुराना, दीपक वालिया, महेंद्रपाल मौजूद थे।
जांच में गड़बड़ी मिली है,
सेल विभाग जिम्मेदार
जांच अधिकारी बदले जाने से पहले एसआइटी की जिम्मा संभाल रहे डीएसपी तरूण सैनी ने कहा कि जांच में गड़बड़ी पाई गई है, जिसके लिए सीधे तौर पर सेल विभाग जिम्मेदार है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
एक सप्ताह में पूरी कर
ली जाएगी कांटे की जांच
किसानों की जायज मांगों को मान लिया गया है, जिसके बाद किसानों ने धरना भी समाप्त कर दिया है। रिमोट चिप की जांच दो महीने में पूरी कर ली जाएगी। किसानों से भी दो नाम मांग लिए हैं, अब वे खुद भी जांच में शामिल रहेंगे, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी। कांटे की जांच भी एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी।
धर्मवीर ¨सह, डीसी कैथल।