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सीजीसी ने 10 साल से घर में बंद महिला को मुख्यधारा से जोड़ा

सेक्टर छह के एक मकान में 10 साल से बंद एक महिला को सिटीजंस ग्रीवेंसीज कमेटी की लॉ एंड आर्डर उप समिति के प्रयासों से बाहर निकाला गया। बताया जाता है कि महिला मानसिक तौर पर पीड़ित होने के कारण घर से बाहर नहीं निकलती थी। इससे पहले वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम करती थी। घर के हालातों के चलते वह मानसिक तौर पर परेशान हो गई और बाहर निकलना छोड़ दिया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 01:11 AM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 01:11 AM (IST)
सीजीसी ने 10 साल से घर में बंद महिला को मुख्यधारा से जोड़ा
सीजीसी ने 10 साल से घर में बंद महिला को मुख्यधारा से जोड़ा

जागरण संवाददाता, करनाल : सेक्टर छह के एक मकान में 10 साल से बंद एक महिला को सिटीजंस ग्रीवेंसीज कमेटी की लॉ एंड आर्डर उप समिति के प्रयासों से बाहर निकाला गया। बताया जाता है कि महिला मानसिक तौर पर पीड़ित होने के कारण घर से बाहर नहीं निकलती थी। इससे पहले वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम करती थी। घर के हालातों के चलते वह मानसिक तौर पर परेशान हो गई और बाहर निकलना छोड़ दिया था।

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महिला सुमन के घर के आसपास रहने वाले लोगों ने इसकी जानकारी सीजीसी की लॉ एंड आर्डर उप समिति के सचिव विपिन शर्मा को दी। इसके बाद विपिन शर्मा, सलाहकार एडवोकेट एलआर चुचरा, प्रधान निरूपमा सदर और संतोत्र अत्रेजा महिला के घर गई और उसे समझाकर घर से बाहर लाया गया। महिला का मेडिकल भी करवाया गया है।

इधर, सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा का कहना है कि भोजन न खाने व अन्य कई कारणों से व्यक्ति ऐसी स्थिति में चला जाता है। उन्होंने कहा कि महिला को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनकी देखभाल करना जरूरी है। उन्हें सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाए। प्रधान निरूपमा सदर ने कहा कि महिला और उसके परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी।


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