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बंदराणा गांव में कैंसर का कहर, तीन साल में 20 की गई जान, हड़कंप

जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर बंदराणा गांव में कैंसर की बीमारी से लोगों में दहशत है। तीन साल में अब तक 20 के करीब लोगों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। 50 से 55 मरीज इससे ग्रस्त हैं, जिनका दिल्ली, चंडीगढ़ व बीकानेर सहित विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनमें 25 के करीब मरीज गला के कैंसर से ग्रस्त बताए जा रहे हैं। आठ हजार की आबादी वाले इस गांव में छह साल पहले कैंसर बीमारी की शुरूआत हुई थी। ग्रामीणों की शिकायत पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दौरा कर सर्वे शुरू कर दिया है। अब तक 16 कैंसर मरीजों की पुष्टि विभाग ने की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 10:49 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 10:49 PM (IST)
बंदराणा गांव में कैंसर का कहर, तीन  साल में 20 की गई जान, हड़कंप
बंदराणा गांव में कैंसर का कहर, तीन साल में 20 की गई जान, हड़कंप

सुरेंद्र सैनी, कैथल : जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर बंदराणा गांव में कैंसर की बीमारी से लोगों में दहशत है। तीन साल में अब तक 20 के करीब लोगों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। 50 से 55 मरीज इससे ग्रस्त हैं, जिनका दिल्ली, चंडीगढ़ व बीकानेर सहित विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनमें 25 के करीब मरीज गला के कैंसर से ग्रस्त बताए जा रहे हैं।

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आठ हजार की आबादी वाले इस गांव में छह साल पहले कैंसर बीमारी की शुरूआत हुई थी। ग्रामीणों की शिकायत पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दौरा कर सर्वे शुरू कर दिया है। अब तक 16 कैंसर मरीजों की पुष्टि विभाग ने की है।

दस दिन में हो चुकी है दो मौत

ग्रामीणों के अनुसार कैंसर से दस दिनों में दो लोगों की मौत हो चुकी है। 52 वर्षीय पाला राम की दस दिन पहले व अंगुरी देवी की आठ दिन पहले ही मौत हुई है। इससे पहले कृष्ण कुमार (35), ईशमा (44), राम ¨सह (50), राजू (28), धर्मा (65) सहित 20 के करीब लोगों की मौत कैंसर से हो चुकी हैं। 60 से 65 मरीज कैंसर से ग्रस्त हैं, अगर जांच की जाए तो मरीजों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।

ग्रामीण राम कुमार, शमशेर ¨सह, सतपाल, भाग ¨सह, ईश्वर ¨सह, ने कहा कि गांव में पिछले छह सालों से कैंसर बीमारी फैली हुई है। जवान से लेकर बुजुर्ग तक इस बीमारी से पीड़ित है। कैंसर किस कारण हो रहा है, ये उनकी भी समझ से परे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो टावर लगे हुए हैं। इससे निकलने वाली किरणें इस बीमारी की वजह हो सकती है। कई साल पहले गांव में जो बोर लगा था वह कंडम होने के बाद उसी जगह पर दूसरा बोर लगा दिया। इस बोर से सप्लाई हो रहे पानी की पाइप लाइन पूरी तरह से कंडम हो चुकी है। इस कारण गंदे पानी की सप्लाई घरों में हो रही है। बीमारी फैलने के ये भी कारण हो सकते हैं।

ग्रामीण सुभाष गौड ने बताया कि गांव में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, जो दो टावर लगाए हुए हैं, उनके आसपास घरों में काफी मरीज हैं। उसके दो भाई भी इस बीमारी से ग्रस्त हैं। तीन दिन पहले वे विभागीय अधिकारियों से मिले थे। विभाग ने गांव में टीम भेजकर सर्वे शुरू कर दिया है। उनकी मांग है कि गांव में बड़े स्तर पर कैंप लगाया जाना चाहिए, ताकि बीमारी फैलने का कारण पता लग सके। कैंप पर होने वाला खर्च भी वे उठाने को तैयार हैं।

कैंसर से पीड़ित कई लोगों तो ऐसे हैं जिनके पास इलाज तक के पैसे नहीं है। बीमारी के भय के चलते अब लोग पलायन तक की सोचने लगे हैं। सिविल सर्जन से मिल चुके हैं, जल्द ही डीसी से भी मिलेंगे।

सरपंच कृष्ण कुमार ने बताया कि गांव में कैंसर के काफी मरीज हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है। कैंसर तेजी से गांव में फैल रहा है। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।

नॉन कम्युनिकेबल डिजिज इंचार्ज डॉ. आरडी चावला ने बताया कि गांव में टीम भेजकर सर्वे शुरू कर दिया है। कैंसर फैलने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।


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