हौसलों को पंख लगा गुरमीत ने खो-खो में जीता गोल्ड
परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मेहनत मजदूरी करके ही घर का गुजारा हो रहा है। परेशानियां बहुत हैं लेकिन हौसला उनसे भी ज्यादा है। हम बात कर रहे हैं गांव हरसौला के खो-खो खिलाड़ी गुरमीत सिंह की।
सुनील जांगड़ा, कैथल : परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मेहनत मजदूरी करके ही घर का गुजारा हो रहा है। परेशानियां बहुत हैं, लेकिन हौसला उनसे भी ज्यादा है। हम बात कर रहे हैं गांव हरसौला के खो-खो खिलाड़ी गुरमीत सिंह की। गुरमीत के पिता होशियार सिंह मजदूरी का काम करते हैं और परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। होशियार ने बताया कि उनका यही प्रयास रहता है कि बेटे को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो। वह अपने खेल पर ध्यान दे और एक दिन देश का नाम रोशन करे। गुरमीत की छोटी बहन मनीषा भी खो-खो खेलती है। दोनों गांव में बने खो-खो खेल सेंटर में सुबह-शाम खो-खो कोच अनिल के पास अभ्यास करते हैं। कोच अनिल ने बताया कि खिलाड़ी लगातार छह सालों से खो-खो का अभ्यास कर रहा है। इससे पहले स्कूली स्टेट प्रतियोगिता में भाग लिया था। पहली बार हरियाणा की टीम में खेलने का मौका मिला।
अपनी पहली ही राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। डीपी विक्रम और जिला खो-खो संघ के महासचिव बृजभान ने बताया कि गुरमीत ने गोल्ड हासिल कर जिले का नाम रोशन करने का काम किया है। खिलाड़ी की इस उपलब्धि पर जिला खेल अधिकारी सतविद्र गिल ने बधाई दी है।
जबलपुर में हुई प्रतियोगिता में जीता गोल्ड
कोच अनिल ने बताया कि 27 से 29 फरवरी को जबलपुर में हुई एक भारत श्रेष्ठ भारत अंडर-21 प्रतियोगिता में गुरमीत ने हरियाणा की टीम में भाग लिया था। प्रतियोगिता भारतीय खो-खो महासंघ एवं भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में करवाई गई थी। विभिन्न राज्यों की टीमों ने भाग लिया। विभिन्न जिलों से चयनित खिलाड़ियों ने हरियाणा की टीम में भाग लिया था। अपने खेल के दम पर कैथल से एक ही खिलाड़ी का चयन हुआ था। फाइनल में हरियाणा-तेलंगाना की टीम ने रोमांचक मुकाबले में मध्यप्रदेश-मणिपुर की टीम को हराया।