बस स्टैंड पर उमड़ी भीड़, भटकते रहे यात्री
दिन शनिवार, समय सुबह साढ़े 11 बजे, स्थान बस स्टैंड कैथल। ग्रुप डी का पेपर देने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। सैकड़ों की संख्या में लोग पेपर देने के लिए कैथल से दूसरे जिलों के लिए रवाना हुए। भैया दूज पर्व को लेकर भी यात्रियों की काफी भीड़ रही। रोजाना से तीन गुना ज्यादा सवारियां बस स्टैंड पर मौजूद रही। बसों की संख्या मात्र 120 और सवारियों की संख्या लगभग 20 हजार। ऐसे में लोगों को दो से तीन घंटे तक बसों का इंतजार करना पड़ा। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि यात्री जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर रहे। बस के अंदर सीट न मिलने पर यात्री बसों की छतों पर भी चढ़ गए। दिल्ली जाने वाली बस का टिकट नंबर लेने के लिए महिला व पुरुषों की बीस फीट लंबी लाइन लगी रही। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर यात्रियों की संख्या एकदम से बढ़ गई।
जागरण संवाददाता, कैथल : दिन शनिवार, समय सुबह साढ़े 11 बजे, स्थान बस स्टैंड कैथल। ग्रुप डी का पेपर देने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। सैकड़ों की संख्या में लोग पेपर देने के लिए कैथल से दूसरे जिलों के लिए रवाना हुए। भैया दूज पर्व को लेकर भी यात्रियों की काफी भीड़ रही। रोजाना से तीन गुना ज्यादा सवारियां बस स्टैंड पर मौजूद रही।
बसों की संख्या मात्र 120 और सवारियों की संख्या लगभग 20 हजार। ऐसे में लोगों को दो से तीन घंटे तक बसों का इंतजार करना पड़ा। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि यात्री जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर रहे। बस के अंदर सीट न मिलने पर यात्री बसों की छतों पर भी चढ़ गए। दिल्ली जाने वाली बस का टिकट नंबर लेने के लिए महिला व पुरुषों की बीस फीट लंबी लाइन लगी रही। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर यात्रियों की संख्या एकदम से बढ़ गई। पेपर देकर लोग बस स्टैंड पर पहुंचने लगे।
नहीं दिखी पुलिस की कोई व्यवस्था
बस स्टैंड पर भीड़ ज्यादा होने के कारण महिला यात्रियों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल स्टैंड पर तैनात नहीं किया गया था। बस अड्डे चौकी के मात्र दो या तीन पुलिस कर्मचारी ही मौजूद रहे। भीड़ के कारण महिलाओं को बसों में चढ़ने में परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि बस स्टैंड पर जेबकतरों से सावधान रहने के लिए माइक से कर्मचारी बोलते रहे, लेकिन पुलिस सुरक्षा नदारद रही।
चलानी पड़ी अतिरिक्त बसें
भीड़ ज्यादा होने के कारण विभिन्न रूटों पर अतिरिक्त बसें चलानी पड़ी। इसके लिए लोकल रूटों पर चलने वाली बसों की संख्या कम कर दी गई। रोहतक, जींद, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र के लिए बसें भेजी गई, लेकिन उनमें लोकल गांव की सवारियों को नहीं बैठाया गया। कैथल से सीधा इन जिलों में जाने वाली सवारियां ही बैठाई गई ताकि बीच में कहीं बस रोकनी ना पड़े। शाम के समय भी यात्रियों के लिए विभिन्न रूटों पर सीधी बसें भेजी गई।
पेपर होने से बढ़ी भीड़
रोडवेज महाप्रबंधक रामकुमार ने बताया कि ग्रुप डी का पेपर होने के कारण यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा रही। यात्रियों को परेशानी ना हो इसलिए अतिरिक्त रूटों पर अलग से बसें चलाई गई।