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जिला ब्लड बैंक में जल्द लगेगी ब्लड कंपोनेंट यूनिट

जिला नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक में जल्द ही ब्लड कंपोनेंट यूनिट शुरू होगी। इसके शुरू होने से जिला वासियों को काफी फायदा मिलेगा। अब इलाज के दौरान अगर मरीजों को प्लाज्मा प्लेटलेट्स या आरबीसी सहित विभिन्न कंपोनेंट में रक्त प्राप्त करने की जरूरत पड़ती है तो दूसरे जिलों में आना-जाना पड़ता है। अब डेंगू व मलेरिया का सीजन चला हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 06:00 AM (IST)
जिला ब्लड बैंक में जल्द लगेगी ब्लड कंपोनेंट यूनिट
जिला ब्लड बैंक में जल्द लगेगी ब्लड कंपोनेंट यूनिट

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक में जल्द ही ब्लड कंपोनेंट यूनिट शुरू होगी। इसके शुरू होने से जिला वासियों को काफी फायदा मिलेगा। अब इलाज के दौरान अगर मरीजों को प्लाज्मा, प्लेटलेट्स या आरबीसी सहित विभिन्न कंपोनेंट में रक्त प्राप्त करने की जरूरत पड़ती है तो दूसरे जिलों में आना-जाना पड़ता है। अब डेंगू व मलेरिया का सीजन चला हुआ है। डेंगू मरीजों के इलाज को लेकर प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है, लेकिन अब यहां उपलब्ध न होने के कारण करनाल या दूसरे जिलों में जाना पड़ता है, इसी तरह से प्लाज्मा को लेकर भी यहां सुविधा नहीं है। ब्लड बैंक में मशीनें विभाग के पास आ चुकी हैं, 15 अगस्त तक यह सुविधा उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके लिए ब्लड बैंक के चिकित्सकों को ट्रेनिग भी दी जा रही है। ट्रेनिग का जहां पहला चरण पूरा हो चुका है, वहीं दूसरा चरण 26 जुलाई से शुरू हुआ है, जो 28 जुलाई तक चलेगा, वहीं तीसरा चरण दो अगस्त से चार अगस्त होगा। इसमें ब्लड बैंक को बेहतर तरीके से चलाई जा रही नई-नई तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब सिविल अस्पताल कैथल में रोजाना 14 से 15 यूनिट रक्त की खपत है।

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डेंगू के सभी मरीजों को निश्शुल्क मिलेगी प्लेटलेट्स

जिले में पहले डेंगू बुखार होने पर प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ने पर केवल बीपीएल श्रेणी के मरीजों को ही निश्शुल्क मिलता था, लेकिन अब सरकार ने हर वर्ग के लिए यह सुविधा निश्शुल्क कर दी है। सिविल अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक से निश्शुल्क प्लेटलेट्स लोग ले सकते हैं। बाहर के ब्लड बैंकों से लेने पर 10 से 12 हजार का खर्च उठाना पड़ता है। करनाल सहित दूसरे जिलों में इसके लिए जाना पड़ता है। विदित हो कि एक यूनिट रक्तदान करने के बाद उसकी तीन यूनिट बनाई जाती हैं, इसमें एक यूनिट में रक्त, दूसरी में प्लाज्मा और तीसरी यूनिट में प्लेटलेट्स एकत्रित की जाती है। डेंगू बुखार होने पर प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है, इससे मौत का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में प्लेटलेट्स चढ़ाकर मरीज की जिदगी बचाई जा सकती है। जिले के सरकारी अस्पताल में रक्त से प्लेटलेट्स निकाले जाने की सुविधा फिलहाल नहीं है, लेकिन अगले दो सप्ताह में यह सुविधा भी शुरू होने की उम्मीद है।

अब इन जिलों के चिकित्सकों को दी जा रही ट्रेनिग

ब्लड बैंक में नई तकनीकों को लेकर दिए जा रहे प्रशिक्षण के दूसरे चरण में जींद से डा. अजय कुमार, विक्रम सिंह, कैथल से डा. अमृत रणदावा, लैब सहायक, रमेश चंद, करनाल से डा. जीतू राज सिंह, दान मोहम्मद, अंबाला से डा. शेलजा अग्रवाल, लैब सहायक गीता, पानीपत से डा. पूजा सिगला व लैब सहायक जयपाल शामिल है। इसी तरह से तीसरे चरण में चरखी दादरी, कुरूक्षेत्र, पंकचूला, रोहतक, डबवाली सिविल अस्पतालों के डाक्टरों व लैब सहायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 12 से 13 जुलाई को आयोजित हुए प्रशिक्षण शिविर में अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, खानपुर कलां व सोनीपत के चिकित्सकों को ट्रेनिग दी जा चुकी है।

जिला नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक में जल्द ही ब्लड कंपोनेंट यूनिट लगेगी। मशीनें विभाग के पास आ चुकी है। अगले दो सप्ताह में इसके शुरू होने की उम्मीद है। यूनिट शुरू होने के बाद प्लेटलेट्स व प्लाज्मा को लेकर लोगों को दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। डेंगू बीमारी के दौरान लोगों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है, सरकार ने अब सभी वर्गो के लिए इसे निश्शुल्क कर दिया है। पहले बीपीएल श्रेणी के लिए ही निश्शुल्क की सुविधा थी।

-डा. शैलेंद्र ममगाई शैली, सिविल सर्जन।


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