स्कूलों में रविवार को भी नहीं मिले बीएलओ, नहीं बने पहचान पत्र
सरकार की ओर से परिवार पहचान बनाने के कार्य के तहत रविवार को भी स्कूलों में बीएलओ नहीं मिले। यहां पर बीएलओ के लिए रखी गई कुर्सियां खाली रही।
जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार की ओर से परिवार पहचान बनाने के कार्य के तहत रविवार को भी स्कूलों में बीएलओ नहीं मिले। यहां पर बीएलओ के लिए रखी गई कुर्सियां खाली रही। प्रमाण पत्र बनाने के कार्य को छोड़ बीएलओ ने छुट्टियां मनाई। इस कारण यहां पहचान पत्र बनवाने आए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बता दें कि सरकार की ओर से बीएलओ बने अध्यापकों को परिवार पहचान पत्र बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत 25 अगस्त से लेकर दो सितंबर तक स्कूलों में बीएलओ को कार्य दिया गया है, लेकिन बीएलओ स्कूलों में पिछले दो दिनों में नदारद है।
वहीं, अध्यापकों का यह भी कहना है कि वेबसाइट नहीं चलने के कारण यह परेशानी आ रही है। जैसे ही वेबसाइट चलेगी। प्रमाण पत्र बनाने के कार्य में कोई बाधा नहीं आएगी।
रविवार को भी कमेटी चौक स्थित राजकीय स्कूल, गीता भवन स्थित राजकीय कन्या स्कूल और पट्टी अफगान के राजकीय स्कूल में कोई भी बीएलओ मौजूद नहीं था। यहां पर आने वाले लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। उन्हें बिना प्रमाण पत्र बनवाए ही वापस लौटना पड़ा।
रविवार को परिवार पहचान
पत्र नहीं बनाएंगे शिक्षक : ढांडा
शिक्षकों के विभिन्न संगठनों ने विचार विमर्श कर प्रदेश सरकार के शिक्षक विरोधी फैसलों को लेकर कदम उठाने का निर्णय लिया है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के जिला प्रधान ईश्वर ढांडा ने बताया कि हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के राज्य प्रधान रमेश मलिक, हसला के अध्यक्ष दयानंद दलाल, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान तरुण सुहाग और दिलबाग सिंह अहलावत ने सहमति से निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि चारों संगठनों ने विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया है कि अध्यापक रविवार को परिवार पहचान पत्र बनाने का काम नहीं करेंगे। परिवार पहचान पत्र का कार्य केवल सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर 2:30 बजे तक ही किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि संगठनों ने निर्णय लिया है कि भविष्य में यदि सरकार ने नियमित और सुचारू रूप से कक्षाएं चलने के समय इस प्रकार का गैर शैक्षणिक कार्य अध्यापकों पर थोपा तो चारों संगठन मिलकर गैर शैक्षणिक कार्य का विरोध करेंगे और गैर शैक्षणिक कार्य का बहिष्कार करेंगे। जिला वरिष्ठ उप प्रधान सुरेश राणा कहा कि बिना प्रशिक्षण व संसाधनों के परिवार पहचान पत्र बनाने व सत्यापन करने का कार्य न्याय संगत नहीं है। परिवार पहचान पत्र बनाने एवं को सत्यापन करने के लिए सीएससी (अटल केंद्र) संचालकों को परीक्षण दिया गया है। ऐसे में यह कार्य अटल केंद्र से न करवा कर सरकारी स्कूलों के अध्यापकों व कार्यालय स्टाफ से करवाना किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है।