बीरेंद्र सिंह की लोगों को सलाह- पैसा तो व्यापार में, नौकरी व खेती के पीछे भागना छोड़ो
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने लाेगों को सलाह दी है कि पैसा तो व्यापार में है। ऐसे में खेती और नौकरी के पीछे भागना छोड़ो।
कैथल, जेएनएन। राज्यसभा सदस्य व पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह ने युवाओं को नौकरी और खेती के पीछे भगाने की जगह व्यापार करने की सलाह दी है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि खेती व नौकरी में सब कुछ नहीं है, पैसा तो व्यापार में है। इसलिए थाम सारे नौकरी और खेती के पीछे मत दौड़ो, यह राजनीति की बात नहीं है, पते की बात है।
गांव तितरम में 1.41 करोड़ रुपये से बनने वाले दीनबंधू छोटू राम सामुदायिक केंद्र का शिलान्यास करने के बाद युवाओं को संबांधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन छोटू राम विचार मंच के कार्यकारी जिला अध्यक्ष सुरेंद्र ढुल की तरफ से किया गया। ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई ढाई एकड़ की जमीन में सामुदायिक केंद्र का निर्माण होगा। इसमें मैरिज पैलेस के लिए हाल, लाइब्रेरी, रसोई घर, खुला लॉन, कार्यालय, शौचालय सहित पार्किंग प्लेस का निर्माण होगा।
कहा-राजनीतिक करियर में लड़े 14 चुनाव, लेकिन इस बार का चुनाव सबसे अलग था
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में 14 चुनाव लड़े हैं। इसमें 12 चुनाव खुद लड़े, एक चुनाव अपनी पत्नी और एक चुनाव अपने छोरे काे लड़ाया है। यह चुनाव अब तक के सबसे अलग था। उन्होंने लोगों के बीच जाकर अपने छोरे के लिए वाटे मांगें तो लोग कहने लगे कि वोट देंगे मोदी को। अबकी बार हुए लोकसभा चुनाव में लोगों ने न मेरा छोरा देखा, न पार्टी देखी, देखा तो सिर्फ नरेंद्र मोदी का चेहरा।
कहा, मंच पर एक दर्जन तो टिकट लेने वाले बैठे हैं
बीरेंद्र सिंह ने कहा, एमएलए (विधानसभा चुनाव) का भी चुनाव जल्द आने वाला है। इसलिए धर्म, जाति, संप्रदाय से ऊपर उठकर वोट देना है। यहां टिकट की बात तो मैं करता नहीं, क्योंकि एक दर्जन तो टिकट लेने के लिए मंच पर बैठे हैं। बीरेन्द्र सिंह ने कहा, अबकी बार मन्नै इलेक्शन कोनी लडऩा, मन्नै तो सुवाद लेणे हैं।
उन्होंने कहा कि मंच पर मुझे कुछ लोग कह रहे थे कि जेपी, रामपाल माजरा और अशोक अरोड़ा ये तीन लोग रह गए, बाकी तो सभी हमारी पार्टी में आ लिए। इन तीनों को और ले आओ। उन्होंने कहा कि भाजपा में सभी अपनी मर्जी से आ रहे हैं। हम किसी को यह कहकर शामिल नहीं करते कि टिकट देंगे। टिकट का सौदा तो ऐसा है कि इसमें कुछ पता नहीं चलता कि किसको मिल जाए।