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विदेशी दंपती ने शादी से पहले रखी थी ऐसी शर्त, अब बेल्जियम से हरियाणा पहुंचा बच्ची को गोद लेने

बच्चे को गोद लेने की इच्छा विदेशी दंपती को 7167 किलोमीटर दूर बेल्जियम से कैथल लेकर आ गई। 3 साल 8 महीने की अंजलि को उन्होंने गोद लिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 09:33 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 09:07 AM (IST)
विदेशी दंपती ने शादी से पहले रखी थी ऐसी शर्त, अब बेल्जियम से हरियाणा पहुंचा बच्ची को गोद लेने
विदेशी दंपती ने शादी से पहले रखी थी ऐसी शर्त, अब बेल्जियम से हरियाणा पहुंचा बच्ची को गोद लेने

कैथल [सुनील जांगड़ा]। बच्चे को गोद लेने की इच्छा विदेशी दंपती को 7167 किलोमीटर दूर बेल्जियम से कैथल लेकर आ गई। 3 साल 8 महीने की अंजलि को गोद लेने के लिए दंपती कैथल स्थित बाल उपवन आश्रम पहुंचा। यहां कागजी कार्रवाई करने के बाद बच्ची को अपने साथ लेकर बेल्जियम के लिए रवाना हो गया।

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हरियाणा से बच्चे को गोद लेने के लिए दंपती ने चार साल पहले Central Adoption Resource Authority (कारा) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया था। बेल्जियम से आए निज कृष ने बताया कि उसकी पत्नी मार्टिन की इच्छा थी कि शादी के बाद वह एक बच्चे को गोद लेगी। इसी शर्त पर उसने शादी की थी। दंपती के पास जोपे और जारे दो लड़के पहले ही हैं और अब अंजलि को गोद ले लिया है। 

मार्टिन ने बताया कि शादी से पहले वह एक सामाजिक संस्था में काम करती थीं। उनकी इच्छा थी कि हरियाणा से एक बच्चे को वह गोद लें। अब एक लड़की को गोद ले लिया है, जिससे उसका परिवार पूरा हो गया है। अंजलि का पासपोर्ट सहित सभी जरूरी कागजात बाल उपवन की ओर से ही तैयार करवाए गए हैं।

कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर से मिली थी बच्ची

करीब डेढ साल पहले कुरुक्षेत्र बाल कल्याण समिति को अंजलि कुरुक्षेत्र ब्रह्मरोवर से लावारिश मिली थी। जब परिजनों का कोई पता नहीं लगा तो समिति ने कैथल बाल कल्याण समिति की पूर्व में सदस्य रही ऋतु ङ्क्षसगला से संपर्क किया। सिंगला ने बच्ची को कैथल लाकर उसे बाल उपवन में छोड़ दिया था। तब से ही बच्ची बाल उपवन में रह रही थी।

बच्चे गोद देने वाली हरियाणा में दो प्राइवेट एजेंसी

पूरे हरियाणा में बच्चे गोद देने वाली दो प्राइवेट एजेंसियां हैं। एक फरीदाबाद में हैं और दूसरी कैथल में हैं। इनके अलावा छह एजेंसियां सरकारी भी हैं। कैथल में सा बाल उपवन आश्रम है। सा यानि स्पेस्लाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी है। बच्चा गोद लेने के लिए सारा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होता है और उसके बाद एजेंसी से बच्चे को गोद दिया जाता है। एजेंसी की ओर से बच्चे का डाटा पोर्टल पर फीड किया जाता है और बच्चे को लेने के लिए दंपती को हर प्रकार की जानकारी देनी होती है।

खुशी अब यहां की एक बेटी विदेश में रहेगी

सनातन धर्म मंदिर सभा के प्रधान रविभूषण गर्ग व बाल उपवन कै मैनेजर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि बेल्जियम से दंपती ने अंजलि को गोद लिया है। उन्हें खुशी है कि उपवन की एक बेटी अब विदेश में रहेगी और वहीं अपनी पढ़ाई शुरू करेगी।

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