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गर्मी बढ़ी तो दोगुणा हो गया बिजली का लाइन लोस

पिछले चार दिनों से गर्मी बढ़ने के बाद अब बिजली की खपत भी बढ़ गई है। अब फीडरों पर लाइन लोस भी ज्यादा हो रहा है। जबकि लॉकडाउन की शुरूआत में बिजली की काफी कम खपत थी। गर्मी में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:38 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 09:38 AM (IST)
गर्मी बढ़ी तो दोगुणा हो गया बिजली का लाइन लोस
गर्मी बढ़ी तो दोगुणा हो गया बिजली का लाइन लोस

कमल बहल, कैथल :

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पिछले चार दिनों से गर्मी बढ़ने के बाद अब बिजली की खपत भी बढ़ गई है। अब फीडरों पर लाइन लोस भी ज्यादा हो रहा है। जबकि लॉकडाउन की शुरूआत में बिजली की काफी कम खपत थी। गर्मी में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है। गर्मी के इस मौसम में बिजली की डिमांड बढ़ गई है। एक मई को जिले में बिजली की खपत 30 लाख यूनिट प्रतिदिन होती थी। लेकिन पिछले तीन दिनों से इसके खर्च में एकदम उछाल आया है। अब प्रतिदिन 62 से 65 लाख यूनिट खर्च हो रही है। गर्मी के कारण बिजली की खपत करीब 35 लाख यूनिट बढ़ गई है। इसके साथ ही पावर हाउस पर भी लोड बढ़ रहा है, जिस कारण लाइन लोस अधिक हो रहा है। बिजली निगम के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के मौसम में उपभोक्ताओं को बिजली से संबंधित कोई परेशानी न हो। इसलिए मेंटेनेंस का कार्य भी शुरू करवा दिया गया है।

जिले में हैं कुल 184 फीडर :

जिले में कुल 184 फीडर हैं। जिसमें चार विधानसभा क्षेत्रों के शहरी इलाकों सहित करीब 292 गांवों में बिजली की आपूर्ति की जाती है। जिले में एक सर्कल कार्यालय, तीन डिविजन और सात सब डिविजन है। जो अपने अपने क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति कर रहा है। यहां पर अब बिजली की तारों की मेंटेनेंस का कार्य भी पूरा हो चुका है। वहीं बिजली निगम को लाइन लॉस से हर महीने लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मंडल ने लाइन लॉस का ये आंकड़ा 20 फीसदी पर लाने के लिए पिछले कई सालों से प्रयास किया है, इसके बावजूद यह अब भी 30 फीसदी के आसपास ही बना है। इस सीजन अप्रैल में 20.36 प्रतिशत था, जो एक महीने में ही बढ़कर 30 प्रतिशत के पास पहुंच गया है। गर्मी बढ़ने के कारण अब बिजली निगम का लाइन लॉस अधिक हो रहा है।

यह है लाइन लॉस :

सब स्टेशन से सप्लाई की गई बिजली और उपभोक्ताओं द्वारा खपत की गई बिजली के अंतर को लाइन लॉस माना जाता है। इसमें दो प्रकार के लॉस शामिल होते हैं। एक तकनीकी कारणों से और दूसरा उपभोक्ता द्वारा खपत की गई बिजली की सही बिलिग नहीं होना। तकनीकी कारणों से होने वाले लाइन लॉस 5 से 6 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। लेकिन इस मौसम में कई जगह 15 से 20 फीसदी लाइन लॉस हो रहा है।

मेंटेनेंस को लेकर दिए जा रहे निर्देश

उत्तर हरियाणा बिजली निगम के एसई बलजीत सिंह रंगा ने बताया कि गर्मी के सीजन के दौरान अभी तक घरेलू खपत सामान्य है। जबकि छूट मिलने से इंडस्ट्री के सेक्टर में कुछ खपत बढ़ी है। लाइन लॉस को लेकर जून के माह में पूरी तरह से पिछले वर्ष की अपेक्षा जानकारी मिल पाएगी। मेंटेनेंस को लेकर भी सभी अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। गर्मी के कारण अभी अधिक परमिट निगम की ओर से नहीं लिया जा रहे हैं।


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